Aarti Ayachit

Abstract

5.0  

Aarti Ayachit

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"खुशमिजाजी से जीना"

"खुशमिजाजी से जीना"

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विवाह में पोती को आशीर्वाद देने वाकर के सहारे पहुंची दादी, समधन ने पूछा, अपार शक्ति का राज ? दादी ने कहा "जिंदगी में सुख-दुख की लहरें पारकर अथाह-सागर बन फिसलती रेत जैसे समय बहाव के साथ कुर्सी बन सुख-दुख में संतुलन बनाकर विशालकाय नीले-अंबर तले खुशमिजाजी से जीना चाहिए"।



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