Aarti Ayachit

Inspirational

3.5  

Aarti Ayachit

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"ललक मातृभाषा सीखने की"

"ललक मातृभाषा सीखने की"

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विद्यालय में हिंदी शिक्षक जब भी विद्यार्थियों को हिंदी विषय पढ़ाते। तो रमेश की आंखें नम हो जाती। शिक्षक ने कारण जानने पहुंचे घर। जहां रमेश का भाई विशाल मूक-बधिर उत्सुकता से सांकेतिक-भाषा का अध्ययन कर रहा। ट्रेन हादसे में माता-पिता नहीं रहे। विशाल मूक-बधिर हुआ। परंतु रमेश ने हिम्मत न हार अपने भाई के साथ हजारों मूक-बधिरों को यह भाषा सीखने हेतु सहायता उपलब्ध कराई।


जीवन की तमाम कठिनाइयों के साथ भी नित-नए विचारों के प्रवाहों को नवीन दिशा देते हुए

ऐसे लोगों को राष्ट्रगान सांकेतिक-भाषा में गाना सिखाया। विशाल ने सलामी देकर सुनाया भी। शिक्षक ने कहा, रमेश इसीलिए गर्व से कहते "हिंदी मेरा अभिमान।"


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