Aarti Ayachit

Abstract Inspirational

4.6  

Aarti Ayachit

Abstract Inspirational

असमानता क्यों

असमानता क्यों

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अब बहुत हुआ अम्मा ! कब तक तुम मेरे और भाभी के बीच भेदभाव करती रहोगी ! कितना ज़ुल्म ढ़ाहोगी ......तंग आ गई हूं मैं तुम्हारे इस दोगले दिखावटी व्यवहार से! बहुत खीज खाते हुए रूहानी चिल्लाई । 

जब मेरी शादी हुए सात साल पूरे होने पर संतान नहीं हुई और तीन बार तलाक के लब्जों में सिमटी हुई मैं!तब मुझ जैसी अभागन को इसी रज़िया भाभी ने खुदकुशी करने से बचाया था!..वह इतनी जल्दी कैसे भूल गई मां ?

आज एक तरफ बेचारी भाभी ने अपनी संतान को खोया ! उसका गम छिपाकर भी चुप हैं क्योंकि वह फिर एक मां को दुखी नहीं करना चाहती।


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