खुशियों के इंद्रधनुषी रंग
खुशियों के इंद्रधनुषी रंग
आज चंदा बहुत खुश थी उसकी शादी हो रही थी।
बहुत ही कठिनाई के बाद में आज का दिन आया था।
वह अपने बचपन के प्यार चंदन जिससे उसकी शादी हो रही थी ,से शादी करना चाहती थी।
मगर उसके घर वाले तैयार नहीं थे ।
उनको लड़का थोड़ा कमतर लगता था।
उन लोगों की हैसियत लड़की के घर से थोड़ी कम थी पैसे की दृष्टि से, मगर दिल दिल की दृष्टि से बहुत अमीर थे
जब चंदा का हाथ मांगने गए तो चंदा के पिता ने उसको उसकी पैसे की कमजोरी की तरफ ध्यान करके मना करा।
और बोला मेरी बेटी बहुत सुख से रहती है।
मेरा घर सुख सुविधा संपन्न है उसकी शादी भी ऐसे ही सुख सुविधा संपन्न करना होनी चाहिए ।
तुम यह सब नहीं दे पाओगे।
तब चंदन को भी जुनून सवार हुआ क्योंकि वह चंदा से सच्चा प्यार करता था।
उसने चंदा के पिता से बोला मैं बहुत मेहनत करके आपके काबिल बन के दिखाऊंगा।
मगर मेरी एक शर्त है आपको 2 साल इंतजार करना पड़ेगा। और 2 साल बाद मेरी शादी चंदा से करनी होगी।
उसके पिता ने चंदन की आंखों में सुनहरे सपने तैरते देखें और कुछ कर गुजरने की तमन्ना देखी वे उसकी शर्त मान गए । क्योंकि वह भी चंदा के प्यार के दुश्मन नहीं थे, बस लड़के को परखना चाहते थे।
2 साल में बहुत मेहनत करके चंदन उनकी कसौटी पर खरा उतरा,
और आज चंदा की जिंदगी में
खुशियों के रंग भरने वह बरात लेकर आ रहा था।
घर में शादी का माहौल बहुत जोरदार उत्साह पूर्वक चल रहा था।
वातावरण में हल्की हल्की बरसात हुई थी।
उसके बाद में शाम के टाइम में जैसे ही सब ने आवाज लगाई बरात आ गई, बारात आ गई, चंदा भी छत पर उसको देखने दौड़ी।
उसी समय उसकी सहेली ने पीछे मुड़कर देखा आकाश में तो बड़ा सा सुंदर सा इंद्रधनुष अपनी सुंदर छटा बिखेर रहा था मानो वो चंदा की खुशियों में शामिल होने आ गया उसे देख कर के सब बहुत खुश हुए बरात आ गई थी।
शादी हुई और खुशियों के साथ में नए सपने लिए चंदा अपने प्रियतम के साथ विदा हुई।
आज उनके दिल में अपने सपने पूरे होने का एहसास इंद्रधनुषी रंग के साथ भरा हुआ था और वे नई जिंदगी में कदम रखने चल पड़े। जीवन की सुनहरी डगर की तरफ।
