ख़ामोश मोहब्बत
ख़ामोश मोहब्बत
उपासना ने रेणु के कान में फुसफुसाया “ देख !! कितना अच्छा दिखता है ”।भोला सा है।
” यही सब करने आयी है ? कुछ पढ़ाई भी कर ले ”। फेल हो गए न ! तो समझ लेना , घर बैठना पड़ेगा। रेणु गम्भीरता से बोली।
तुम तो यार मम्मी बन जाती हो। इतना उपदेश मत दो।
दोनो ने अभी / अभी कॉलेज में दाख़िला लिया था।हाई स्कूल पास करके इंटर फ़र्स्ट ईयर, मतलब स्कूल ड्रेस से छुट्टी।
छोटा सा क़स्बा , उसमें इकलौता कॉलेज। उपासना , रेणु , कौशल्या , रितु एक ही स्कूल से पढ़ कर आयी थीं।
“ कर लिया तुम दोनो ने प्रैक्टिकल ” कुशवाह सर ने दोनो को बातें करते देख लिया।
जी सर , नहीं सर ! रेणु हड़बड़ाई।
ध्यान दो , ऐसे कैसे सीखोगे ? क्या समस्या आ रही है ? सर उनकी टेबल के पास आ गए।
सर ! राइडर गिर नहीं रहा है। उपासना बोली।
लाओ , fork मुझे दो। tuning fork को ऐसे स्ट्राइक करो , बीचोंबीच समझी। लो देखो गिर गया ना। अब लेंथ बड़ा कर , फिर से करो। और राइडर को हल्का रखो।
ओके सर। थैंक्स।
तू मरवायेगी किसी दिन ! सर सुन लेते तो क्या होता।
अरे देख मेरे हीरो को कितनी लगन से लगा है प्रैक्टिकल करने में। उपासना शरारत से बोली।देख अब मैं क्या करती हूँ ? बहुत भाव खा रहा है। उपासना ने स्ट्राइकिंग पैड को धीरे से राजन की टेबल की तरफ़ लुड़का दिया। गोल पैड राजन की टेबल के पास चला गया। राजन प्लीज़ मेरा पैड दे दो ?
राजन ने घूर कर उपासना को देखा। “ ख़ुद ले लो ” वो बेरुख़ी से बोला।
प्लीज़ दे दो।
राजन ने पैड उठाया और देने के लिए उनकी टेबल की तरफ़ बड़ा।
नहीं कैच दो। उपासना ने ईशारा किया।
राजन ने पैड हवा में उछाल दिया। उपासना ने बड़ कर लपक लिया। थैंक्स ! उपासना आँख दबाते हुए बोली।
राजन झेंप कर दूसरी तरफ़ देखने लगा।
क्या करती हो ? रेणु ने उपासना को कोहनी मारी।
अभी तो शुरू हुआ है। आगे / आगे देखती जाओ। उपासना ने स्ट्राइकिंग पैड एक बार फिर लुड़का दिया , राजन के पैर की तरफ़।प्लीज़ राजन दे दो ?
राजन ने ग़ुस्से से पैड उपासना के हाथ में पटक दिया , उपासना कैच / कैच करती रह गयी।
उसके बाद उपासना की हिम्मत नहीं पड़ी कि राजन से कुछ कहे।
तुम क्यों उसको इतना परेशान करती हो ? रेणु ने लैब से निकलते हुए पूछा।
सच बताऊँ तो मैं उसको प्यार करने लगी हूँ। मैं क्या करूँ ?
रेणु ने देखा उपासना की आँखें भर आयी थीं। वो गम्भीर लग रही थी।
पर तुम राजन के बारे में कुछ भी तो नहीं जानती।
उपासना !! तुमसे कुछ बात करनी है ? राजन को सामने देख उपासना हकबक्का गयी।
क्या ??
मुझे नहीं पता तुम्हारे मन में क्या चल रहा है। अगर यह मज़ाक़ है , तो कोई बात नहीं। पर अगर कोई और बात है , तो यह उम्र नहीं है इन बातों की। हम लोगों को अपने कैरियर पर ध्यान देना चाहिए।तुम एक अच्छी लड़की हो , ज़हीन भी हो।मेरी एक रिक्वेस्ट है।
उपासना स्तब्ध उसको देखे जा रही थी।
सुन रही हो ना ?
हाँ ! उपासना को अपनी आवाज़ ही अजनबी लगी।
यह सब बंद कर दो। तुम अच्छी लड़की हो। अपनी स्टडीज़ पर ध्यान दो और मुझे भी पढने दो। एक बैचमेट की रिक्वेस्ट है।राजन ने हाथ जोड़े और चला गया।
अब ? रेणु ने उपासना की और देखा।
अब क्या ! मुख़र प्यार से ख़ामोश प्यार की तरफ़ चलती हूँ। क्योंकि उसको भूल जाना बस में नहीं , पहला प्यार जो है। उपासना मुस्कुराई। एक दर्द भरी मुस्कुराहट, सब कुछ लुट जाने वाली मुस्कुराहट। चल सखी ! तू, मैं और वो तो, है ही !
रेणु ने कस कर उसका हाथ थाम लिया।