सामने प्रियम सर के कोट्टेज की लाईट जली।देखते ही तन्वी उस ओर भागी। सामने प्रियम सर के कोट्टेज की लाईट जली।देखते ही तन्वी उस ओर भागी।
नैतिक: कुख्याति को अक्सर प्रसिद्धि के लिए गलत माना जाता है। नैतिक: कुख्याति को अक्सर प्रसिद्धि के लिए गलत माना जाता है।
अरुण की आंखों में भी नींद की खुमारी छा चुकी थी वह चुपचाप अपने बेड पर लेट कर सो गया। अरुण की आंखों में भी नींद की खुमारी छा चुकी थी वह चुपचाप अपने बेड पर लेट कर सो ग...
उस बच्चे की पीठ कोड़ो की मार तक को सहने के लिये चुपचाप खड़ी है। उस बच्चे की पीठ कोड़ो की मार तक को सहने के लिये चुपचाप खड़ी है।
हाँ अब आँसुओं की कोई जगह नहीं बस खुशी ही खुशी। हाँ अब आँसुओं की कोई जगह नहीं बस खुशी ही खुशी।
बारिश की बूंदों को अपने चेहरे पर छूना चाहती बस मैं जीना चाहती हूँ। बारिश की बूंदों को अपने चेहरे पर छूना चाहती बस मैं जीना चाहती हूँ।