Nandita Srivastava

Drama

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Nandita Srivastava

Drama

तुम तो समझो

तुम तो समझो

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आप लोग टीक स्वस्थ और सुरक्षित होगें चलिये आज किसी भी नायिका की मनोदशा की बात करने की कोशिश करेगें हाँ चलिये आज हमारी नायिका जो बोलेगी और हम लोग चुपचाप सुनेंगे।

अरे हाँ हमने नाम तो बताया नही अरे वही यशी हाँ यशी तो चले कहानी की ओर सदाबहार तरीके से बोलना शुरू की मुँह में पेंसिल दबाकर अरे तुम भी नहीं समझते हो मेरे मन की बातों को कैसे नही समझते तुम को मालूम है ना कि जीवन का सारा दरमोदार तुम्हारे उपर ही है ना।

कि मेरे उपर तुम सोचो चंद साँसें ही बची है मेरी ,मुझको बस सूकून ही भाता मैं मुक्त होना चाहती हूँ जीना चाहती हूँ बारिशों में भीगना चाहती हूँ तुम्हारी बाइक में बैठकर दूर बहुत दूर जाना चाहती हूँ चाट पकौडी खाना चाहती हूँ। बारिश की बूंदों को अपने चेहरे पर छूना चाहती बस मैं जीना चाहती हूँ।


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