पिताजी तुम कहाँ हो?
पिताजी तुम कहाँ हो?


आप लोग कैसे है,आशा करते है, कुशल मंगल से होंगे। चलिये आज की घटना तो ना कहेंगे, बस एक दो दिन पहले की बात है, दो साल के बच्चे के पिता नहीं रहे बहुत ही दुखद घटना है वाकई में वह बच्चा जान ही ना पाया कि पिताजी लंबी बीमारी से चले गये। उसको तो अपने टाँफी या खाने पीने की चीज़ो से सरोकार रहता है, ना कि कहाँ सा आ रहा है कैसे आ रहा है। वह तो बालक है बस अपनी दुनियाँ में खुश, माँ की डाँट पड़ी तो पित
ाजी बचायेगे यही जानता है, पर पिताजी को चार लोग लाद कर ले गये। माँ गोदी में लेकर रोती रही राजू को, राजू चार साल का बालक है। आज शैतानी किया तो माँ ने डाँट लगा दी और बुआ ने खींच कर चाँटा मारा , कहा कि बाप को मारकर भी मन नहीं भरा बस वह चीख मार कर रो उठा कि पिताजी तुम कहाँ हो? बहुत ही दिल दहलाने वाला रूदन था क्या कहा क्या ना कहा जाये, आज यही तक कल फिर बात होगी स्वस्थ रहिये सुरक्षित रहिये।