Ashfia Parvin

Horror Thriller

4.0  

Ashfia Parvin

Horror Thriller

कब्रिस्तान का भूत

कब्रिस्तान का भूत

15 mins
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यह काहानी 5 दोस्तो की है । उन 5 दोस्तो का नाम मोहिनी, रोहिणी, रोहन, सोहान और कविता है। काहानी शुरु करने से पहले इन पाँच दोस्तो के चरित्र के बारे में जान लेना सही होगा।


रोहन जो एक इंट्रोवर्ट है और सिंपल सा लड़का है । उसका आँखों का प्रॉब्लम के कारण चश्मा पहनता है जिससे उसके दोस्त कभी कभी मज़ाक में उसे चश्मिश बुला लिया करते थे। वो पढ़ाई में बहुत अच्छा है लेकिन बहुत ही डरपोक है । पाँच दोस्तो में से सबसे ज्यादा डरपोक रोहन है ।


मोहिनी जो एक एक्स्ट्रावेर्ट है और उसे शो ऑफ करना बहुत ही ज्यादा पसंद है । वो बहुत ही ज्यादा सोशियल मीडिया में बिजी रहती है । उसे सबकुछ जो भी वो कर रही है , उसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सप्प पे दिखाना बहुत जरुरी है वरना वो रह नहीं पाती है । मोहिनी अटेंशन सीकर है और अपना ज्यादातर वक़्त ब्यूटी पार्लर और सोशियल मीडिया में ही बर्बाद करती है ।

इसके विपारित रोहिणी जो की बहुत ही सिंपल है और इंट्रोवर्ट है । वो साधारण है लेकिन उसे शो ऑफ करना बिलकुल भी पसंद नहीं है । रोहिणी 

जो है वो मोहिनी से बिलकुल अपोजिट है इसलिए कभी कभी रोहिणी और मोहिनी का बनता नहीं फिर भी वो पाँच तो बेस्ट फ्रेंड है ना तो लास्ट में मिल ही जाते है ।

फिर आती है कविता जो की अंबिवर्ट है। वो सब में मिल झूल कर रहती है । वो जितना टाइम दुसरो के साथ बिताती है उतना ही वक़्त वो अपने आप को देती है । उसको सोशियल मीडिया में ज्यादा एक्टिव रहना पसंद नहीं है इसलिए वो सिर्फ व्हाट्सअप ही चलाती है । कविता की प्रशंसा उसके परिवार, दोस्तो, टीचर्स और रिश्तेदारों सब में होती है । कविता को सब प्यार करते थे क्यूँकि कविता भी सबके साथ प्यार से ही पेश आती थी। कविता का हॉबीज कविता और काहानी लिखना था और परानार्मल एक्टिविस करना बहुत ही ज्यादा पसंद था। पाँच दोस्तो में से सबसे बहादुर और निडर कविता ही थी।

फिर आता है  सोहन। सोहन जो की एक्स्ट्रावेर्ट है और उसे भी परानार्मल एक्टिविटीज करना बहुत ही ज्यादा पसंद है ।


 हाँ, तो काहानी शुरु करते है ।


स्कूल के छुट्टी के बाद 

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कविता :-" यार, एग्जाम तो ख़तम हो गया और अब स्कूल छुट्टी भी हो गया। फिर अप्रैल में रिजल्ट मिलेगा। तो 12 वी कक्षा के एग्जाम के बाद हम इतने लम्बे हॉलीडेज का क्या करें? "

मोहिनी :-" एग्जाम के लिए रात भर पढ़ते पढ़ते आँखों के निचे काले धब्बे आ गए और देखो मुँह में कितने सारे पिम्पलेस है मेरे। मैं तो कुछ दिन रिलैक्स करुँगी और फिर शॉपिंग करने चलेंगे"।

कविता :-" और तुम रोहिणी? "

रोहिणी :-" अब जाके अकेले वक़्त गुजरने का मौका मिला तो मैं अपने घर पे रहूंगी और सेल्फ हेल्प बुक्स पढूंगी "।

रोहन :-" सैम यार। मैं भी। तुमने एस ए मैन थिंकठ (As a man thinketh ) बुक पढ़ी है जिनके अथॉर का नाम जेम्स एलन है ।

रोहिणी :-" हाँ, मैंने पढ़ी है । तो फिर एक काम करें छुट्टी में हम दोनों मिल के इस बुक के बारे में डिसकस करेंगे। क्या बोलते हो? "

कविता :-" ओह! हो! चुप करो तुम दोनों रोहिणी और रोहन। जब भी तुम दोनों बात करते हो ऐसा लगता है जैसे दो बुजुर्ग बात करते है । मैं सोच रही हुँ इतने लम्बे छुट्टी में हम क्या करें? पार्टी या कुछ ओर?"


सोहन :-" क्यूँ ना हम कोई साहसिक काम करें। मेरा मतलब क्यूँ ना हम परानार्मल एक्टिविटीज करें? "

कविता :-" हाँ, गुड आईडिया। "

सोहन :-" तुम लोगो को एक बात पता है ? "

कविता :-"क्या? "

सोहन :-" हमारे स्कूल के कुछ ही दूर में एक कब्रिस्तान है । पता है ना? "

कविता :-" हाँ, तो? "

सोहन :-" क्यूँ ना हम उस कब्रिस्तान में रात होने पर वहां जा के ओउजा बोर्ड खेले? क्या बोलते हो? "

कविता :-" सुपर्ब। हाँ, यह तो बहुत ही अच्छा आईडिया है "।

इसे सुन तीनो ने एक साथ बोल उठे (मोहिनी, रोहिणी और रोहन ):-" क्या? हम नहीं जायेंगे "।

सोहन :-" हाँ, तो तुम तीनो से कौन एक्सपेक्ट किया? हम दोनों ही जायेंगे। वैसे भी लड़किया डरपोक होती है , तो मोहिनी और रोहिणी तुम लोग मत आओ और तुम रोहन, तुम तो सबसे बड़ा डरपोक हो इसलिए तुम वही रह जाओ। हम दोनों ही जायेंगे "।

सोहन ने तीनो को जान बुज के टाँग खिंचते हुए बोला ताकि वो तीनो इस प्लान के लिए हाँ, बोल दे।

कविता :-" एक सेकंड। तुमने ऐसा क्यूँ बोला की लड़किया डरपोक होती है तो फिर मैं कैसे जा रही हुँ और भूलो मत पिछले बार जब हम दोनों ब्लडी मेरी चैलेंज कर रहे थे तो तुमने लास्ट में डर के नहीं किया और मैंने आयने के सामने रात के 3 बजे ब्लडी मेरी को बुलाया लेकिन कुछ नहीं हुआ और तुम तो चले गए थे ? "

ऐसे कहने पे सोहन ने कविता को इशारे से समझाया की ताकि वो तीनो इस प्लान के लिए हाँ बोल दे और वो पाँच मिल के कब्रिस्तान में रात में जा सके।

यह समझते ही कविता बोलने लगी :-" हाँ, सोहन तुमने सही कहाँ, वो रोहन जो है वो कुछ ज्यादा ही डरपोक है । सिर्फ पढ़ाई में अच्छा है और कुछ नहीं और मोहिनी और रोहिणी दोनों ही डरपोक है "।


ऐसे कहने पे वो तीनो ने कहाँ :-" ठीक है , हम जायेंगे और हम बिलकुल भी डरपोक नहीं है "।


कविता :-" तो ठीक है । आज रात 12:30 बजे तैयार रहना। हम लोग कब्रिस्तान में जायेंगे और वहा जा के ओउजा बोर्ड भी खेलेंगे। रोहन, तुम्हारे माथे से पसीना क्यूँ टपक रहा है ? अगर डर लग रहा है तो मत आना"।

रोहन :-"न.. नहीं तो। ठीक है आज रात 12:30 बजे मिलते है कब्रिस्तान में "।


रोहिणी :-" पर हमारे पेरेंट्स को पता चल गया तो? मेरे मम्मी तो मेरी जान ही ले लेगी।"

रोहन :-" हाँ, यह तो मैंने सोचा ही नहीं था "।


कविता :-" टेंशन मत लो। आज मेरे घर में कोई नहीं है । मेरे मम्मी पापा गाँव गए है और परसो वापस आएंगे। तो फिर क्यूँ ना तुम तीनो मेरे घर आ जाओ। पेरेंट्स को बोलना की मैं अकेली हुँ तो तुम तीनो मेरे घर में आओगे। अब तो छोडेंगे और सोहन का तो कोई टेंशन नहीं। उसके पेरेंट्स उसे कुछ नहीं बोलेंगे। फिर तुम लोगे मेरे घर से कब्रिस्तान चले जाओगे। क्या बोलते ही? "

सोहन :-" मस्त आईडिया"।


रात के 8:00 बजे - कविता के घर

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कविता के घर में वो चारो आ गए थे।


रोहिणी :-" यार, मुझे झूठ बोलने पर बहुत गिल्ट फील होता है और आज मैंने अपने मम्मी पापा से झूठ बोला "।

रोहन अपना चश्मा ठीक करते हुए और उदासी स्वर में :-" हाँ, मैंने भी आज पहली बार अपने मम्मी पापा से झूठ बोला "।

कविता :-" अरे! झूठ कहाँ बोले तुम दोनों? सच में ही तो मेरे घर पे हो। इसको झूठ थोड़ी कहते है । "


फिर वो पाँच दोस्त मिल कर मजे किये। पहले डिनर किये, नाचे गाये, खूब मस्ती किये और फिर एक हॉरर मूवी देखे जिसका नाम 'कांजूरिंग ' है ।



रात के 12:30 - कब्रिस्तान 

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वो पाँच कब्रिस्तान पर पोहुंच गए। रात के 12:30 हो रहा था। कब्रिस्तान में बहुत सारे क़ब्र थी। रात के अँधेरे में वै पाँच टोर्च जला के जा रहे थे। कब्रिस्तान के वहा अजीब सा माहौल बना हुआ था। बिच बिच में कुत्ते बहुत ही डरावने आवाज़ से भोंक रहे थे। कब्रिस्तान के वहा एक नीम का पेड़ था जिसमे एक उल्लू बैठे उन पांचो को घूर रहा था। बहुत ही डरावना माहोल था। वहा पे हवा कभी तेज चल रहा था तो कभी थम सा जाता था।



सोहन :-"आखिर आ गए, हम कब्रिस्तान के पास। भाई, रोहन, अंदर जायेगा या यही से घर वापस जायेगा"।

रोहन :-" मज़ाक उड़ा रहे हो, मेरा। मैंने कब कहाँ नहीं जाऊंगा? "

कविता :-" हाँ, वो सब तो ठीक गया लेकिन पहरेदार का क्या?"

मोहिनी :-"सुनो, तुम लोगो को जो भी करना करो, मैं जा रही हुँ "।

कविता :-" अरे! रुको ना। डरपोक हो तुम। जाना ही था तो आये क्यूँ? आत्मा वत्मा कुछ नहीं होता। डरपोक कहींकी। "

सोहन :-" लेकिन पहरेदार का क्या? "

कविता :-" पैसा दे दो "।

रोहिणी :-" सुनो यार,तुम लोग जो भी कर रहे हो सब ठीक नहीं हैँ और वो पहरेदार अगर ऑनेस्ट होगा तो? "

रोहन :-" हाँ, रोहिणी ने सही कहाँ "।

कविता :-" तुम दोनों चुप करोगे। पता नहीं क्यूँ तुम दोनों इतने अच्छे हो कभी कभी मुझे देख के गुस्सा आता है"।

मोहिनी :-" हाँ, मुझे भी "।

सोहन :-" तुम लोग उन दोनों पे गुस्सा करते हो या जलन? "

यह सुन मोहिनी और कविता दोनों सोहन को अजीब से घूरने लगे।

सोहन :-" भूत क्या देखना है। तुम दो चुड़ैले को देख के ही हम डर गए"।

यह सुन रोहिणी और रोहन दोनों हँस पड़े की तभी अचानक सोहन के कंधे पे कोई पीछे से हाथ रखा। ऐसे होने पे सोहन थोड़ा डर गया और जब पीछे मुड़ा तो देखने को मिला एक 60 वर्ष का बुड्ढा खड़ा हुआ था जिसका शक्ल बहुत अजीब सा था।


वो अजीब सा बुड्ढा पहरेदार था।

पहरेदार :-" कब्रिस्तान में तुम बच्चे यहाँ क्या कर रहे हो इतने रात में वो भी? चले जाओ यहाँ से। मैं भी यहाँ नहीं रुकता। रात के 1 :00 बजे के बाद मैं यहाँ से चला जाता हुँ। तुम लोग चले जाओ यहाँ से।" इतना कहकर वो आदमी वहा से चला गया।




यह देख सोहन बोला- " यह कैसा पहरेदार है जो कब्रिस्तान में रहकर रक्षा करने की जगह जा रहा है"।

यह सोहन बोल रहा था की तभी कविता का नज़र एक क़ब्र पे गया और कविता उसे गौर से देखने लगी।


कविता :-" वो देखो, उस क़ब्र को। वो नया लग रहा है। नाम क्या है -आकाश और उसका उम्र देखो। जन्म -2000 में और मृत्यु -2022 में। कितना जल्द ही उसका मौत हो गया। बिचारा, 22 का ही तो था। "


सोहन :-" हाँ, यार, बहुत बुरा हुआ। "


कविता उस क़ब्र के पास जाते हुए :-" पर इसका मौत कैसा हुआ? कितना जल्दी उसका मौत हो गया। कितना यंग है। क्या इसका कोई गर्लफ्रेंड थी क्या? बिचारा। वैसे,अगर आकाश का आत्मा सुन रहा होगा तो फिर मैं उसे कहना चाहूंगी क्या तुम मेरे बॉयफ्रेंड बनोगे?"

सोहन हँसते हुए :-"हाँ, हाँ, हाँ ,अच्छा मज़ाक है।हम जो करने आये है वो करते है। ओउजा खेलते है "।


इतना कह कर 5 ने कब्रिस्तान में एक अच्छा सा जगह चुना और वहा ओउजा बोर्ड और कुछ कैंडिल्स जलाये। 



फिर पांचो ने गेम स्टार्ट किया।

सोहन :-" एनी होली स्पिरिट पासिंग बई, प्लीज कम हियर। अगर हमारे अलावा कोई अच्छा आत्मा है तो फिर हमसे बात करो "।

सोहन और कविता ही जो बहादुरी दिखा रहे थे और वो तीनो थोड़ा डर रहे थे।

कविता :-"अगर हमारे अलावा और कोई आत्मा है चाहे अच्छा हो या बुरा तो फिर हमसे बात करो। क्या आकाश का आत्मा हमसे बात कर सकता है?"।

इतना कहने पर मार्च महीने के गर्मी के मौसम होने पर भी अचानक से तेज हवा चलने लगी और बादल गरजने लगा। अचानक बादल के गरजने पर और मौसम के अचानक बदलने पर वो लोग थोड़ा डर गए की तभी अचानक से कविता के गोद पे एक काली बिल्ली आ गई जिससे पांचो के पाँच डर गए।

फिर उस बिल्ली को साइड करते हुए और कॉइन पे फिर से हाथ रख कर कविता बोली -" क्या मैं आकाश के आत्मा से बात कर सकती हुँ? "


सोहन :-" यार कुछ नहीं हो रहा है, सब फालतू का है "।

रोहन :-" मैं घर जाना चाहता हुँ "।

सोहन :-" यार, अभी कुछ नहीं हुआ और अभी से डर गया। इस गेम को हम बिच मैं छोड़ के नहीं जा सकते सो प्लीज ऐसा मत करना।"।

कविता :-" क्या हम आकाश के आत्मा से बात कर सकते है? "


इतने में वो कॉइन मूव हुआ और यस की तरफ गया। यह देख तीनो डर गए लेकिन सोहन और कविता नहीं डरे।

सोहन :-"मैगनेट? कोई चालाकी तो नहीं कर रहा है?"

कविता :-" नहीं है किसी के पास। कोई चालाकी नहीं कर रहा है। इन तीनो को ओउजा बोर्ड खेलनी आती भी नहीं हमारे अलावा "की तभी फिर से वह कॉइन मूव किया और कविता ने रीड किया :-"आकाश "


कविता :-" क्या तुम आकाश बोल रहे हो? "

वो कॉइन मूव किया और अंसवेर में "यस " आया।

कविता :-"आकाश, तुम्हारा मौत कैसे हुआ? "

यह सवाल पूछने पर कुत्तो की भोंकने का आवाज़ बढ़ गया।

रोहन :-" मुझे डर लग रहा है। मैं जाना चाहता हुँ। "

रोहिणी और मोहिनी भी :-" हाँ, हम जाना चाहते है "।

सोहन :-" क्या हम इस गेम को यहाँ क्विट कर सकते है? "

कॉइन मूव किया और अंसवेर आया :-"नो "।

कविता :-" कोई भी बिच से उठ के नहीं जायेगा। तो बताओ आकाश तुम्हारा मौत कैसे हुआ? "

वह कॉइन मूव किया और 5 ने उसे रीड करते हुए बोले :-"मर्डर। आकाश तुम्हारा मर्डर हुआ? लेकिन कौन किया? "

फिर वो कॉइन मूव किया और अंसवेर आया -"गर्लफ्रेंड। "

कविता :-" तुम्हारे गर्लफ्रेंड ने तुम्हारी मर्डर किया लेकिन क्यू? "

वो कॉइन मूव किया और कविता उसे पढ़ने लगी :-" धोका। "

कविता :-" तुम्हारे साथ धोका हुआ? क्या हुआ? "

सोहन :-" कितना सवाल कर रही हो। मुझे भी अभी नहीं खेलना है "।

कविता :-" चुप रहो, तुम। आकाश तुम्हे तुम्हारी गर्लफ्रेंड ने धोका दिया। क्यूँ? "


सोहन :-" बस करो। अब मैं बोल रहा हुँ। आकाश सुनो हमें और नहीं खेलना है। हम इस गेम को क्विट करना चाहते है। क्या हम इसे बंद कर सकते है? "

वो कॉइन नो के तरफ मूव करते करते यस की तरफ मूव किया जिससे वो लोग हैरान हो गए।

सोहन :-" थैंक यू, आकाश की आत्मा। हम अब जा रहे है। "


इतना कह कर वो लोग जाने के लिए तैयार हो गए लेकिन कविता मान नहीं रही थी उसको जानना था की आकाश के गर्लफ्रेंड ने उसे धोका क्यूँ दिया और उसका मर्डर क्यूँ किया।

सोहन :-" पागल हो तुम कविता। चलो अब "।

इतना कह कर जब वो लोग जा रहे थे की तभी आकाश के क़ब्र से बड़ी ही अजीब आवाज़ निकला।

कविता :-" रुको। तुम लोगो ने आवाज़ सुना?"

रोहिनी :-" नहीं। अभी हमें जाना है "।

कविता :-" अरे! आकाश के कब्र से बड़ा ही अजीब आवाज़ आया "।

सोहन :-" यार, अब चलो भी ना। "

मोहिनी :-" जाने से पहले, एक सेल्फी हो जाये ताकि में इंस्टाग्राम में अपना स्टोरी छोड़ सकूँ "।

रोहिणी :-" पागल हो तुम। इंस्टा, व्हाट्सप्प पे स्टेटस रखोगी और हमारे पेरेंट्स को पता चल जायेगा "।

मोहिनी :-" ओके, नहीं रखूंगी। बस एक सेल्फी हो जाये। "

सोहन :-"अभी सेल्फी लेने का टाइम नहीं है यार। भागो यहाँ से "।

कविता :-" यार सोहन, आकाश का आत्मा अच्छा है इसलिए डरो मत वरना वो हमें गेम क्विट करने नहीं बोलता "।

रोहन :-" सब बकवास बंद करो। मुझे एक पल भी यहाँ नहीं रहना है अभी घर जाना है "।


रोहन के कहने पे सब कब्रिस्तान से निकलते हुए घर की और चल पड़े की तभी कविता को आकाश के क़ब्र से एक अजीब आवाज़ सुनाई दिया जो कविता बोल के पुकार रहा था ।

कविता :-" यार रुको। आकाश के क़ब्र से एक आवाज़ सुनाई दिया मुझे। उसके क़ब्र से कोई मुझे पुकारा "।

सोहन :-" तुम्हे हालूसीनेट (hallucinate )हो रहा है शायद"।

यह सुन कविता सोहन को गुस्से से देख के बोली :-" क्या में तुम्हे पागल लग रही हुँ? क्या में नशा करती हुँ? "

सोहन :-" सॉरी। मेरा यह मतलब नहीं था। अभी चलो फिलाल "।


इतना कह कर वो लोग कब्रिस्तान से चले गए अपने अपने घर।



रात के 2:00 बजे - कविता के घर

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सब लोग अपने अपने घर चले गए। मोहिनी, रोहिणी, रोहन और सोहन चारो के चारो अपने अपने घर चले गए और कविता अपने घर। सबके घर में सबके पेरेंट्स थे लेकिन कविता के घर में कविता अकेली थी क्यूँकि उसके पेरेंट्स गाँव गए हुए थे। घर आकर कविता फ्रेश हो कर सोने चली गई।


कविता को नींद आ ही रहा था की तभी अचानक कविता के आँख किसी आवाज़ से खुल गया। कोई डोरबेल बजा रहा था।

कविता अपने आँख को मसलते हुए खुद से ही बोली -" इतने रात को कौन आया होगा? "

कविता नींद में बिना सोच समझ के लाइट ऑन कर यहाँ तक की अंदर से चेक भी नहीं की और दरवाज़ा खोल दिया। कविता के सामने सोहन खड़ा हुआ था।


कविता :-" सोहन, तुम इस वक़्त यहाँ? "

सोहन अंदर आते हुए कविता को बोला :-" वो मुझे तुमसे कुछ कहना था, बहुत ही जरूरी बात थी "।

कविता :-" हाँ, बोलो सोहन "

सोहन :-" कैसे बोलू? समझ नहीं आ रहा है। "

कविता :-" मतलब? "

सोहन :-" आई नॉ की अभी यह सही समय नहीं है पर मैं जो फील करता हुँ वो आज मुझे बोलना ही पड़ेगा "।

कविता :-" हाँ, तो बोलो "।

सोहन :-"आई लव यू, कविता। मैं तुमसे प्यार करता हुँ। "।



कविता थोड़े देर के लिए चुप रही क्यूँकि कविता भी मन ही मन सोहन से प्यार करती थी लेकिन कभी बता नहीं पाई तो वो भी बोली :-" आई लव यू टू, सोहन "।

फिर दोनों निशब्द एक दूसरे को देखने लगे की तभी कविता के फ़ोन रिंग हुआ। कविता ने जब अपने फ़ोन के तरफ देखा तो उसकी आँख फटी की फटी रह गई क्यूँकि वो कॉल सोहन का था। कविता मन ही मन सोचने लगी की यह कैसे हो सकता है? सोहन तो उसके सामने है तो फिर यह कॉल कौन कर रहा है वो भी सोहन के नो. से।


कविता ने सामने खड़े सोहन की तरफ देखा और अपने डर को छुपाते हुए बोली :-" लिसेन, सोहन। अभी रात हो गया है, कल बात करते है। अभी यहाँ से जाओ "।

सोहन :-" पर क्यूँ? अभी तो तुम मुझसे कुछ कहने वाली थी। "

कविता :-" अच्छा, रुको, मैं अभी आई। "


इतना कहकर कविता अपने रूम पे जा कर अंदर से दरवाज़ा बंद कर दिया और सोहन का कॉल उठाय।

वहा से सोहन का आवाज़ आया :-" हेलो, कविता। सॉरी इस वक़्त कॉल किया एक्चुअली तुम्हारा ओउजा बोर्ड मेरे बैग में रह गया। कल वापस कर दूंगा "।

यह सुन कविता हक्का बक्का रह गई।

कविता :-" स.. स..सोहन? तुम घर पे हो? यह तुम हो? "

सोहन हँसते हुए बोला :-" हाँ, मैं नहीं तो कौन? वो तुम्हारा आकाश का आत्मा? "

कविता यह सुन डर गई और उसके साथ जो भी हुआ वो सारा सोहन को बोली जिससे सोहन भी हक्का बक्का रह गया।

सोहन :-" मज़ाक कर रही हो? "

कविता डरते हुए गुस्से से :-" कोई मज़ाक नहीं कर रही हुँ। अभी वो मेरे घर में है। मैं अपने रूम में हुँ और दरवाज़ा लॉक किया हुआ है। वो तुम नहीं थे तो कौन था? क्या वो आकाश का आत्मा था?"

सोहन डरते हुए :-" यार, टेंशन मत लो, मैं अभी आ.. "

पूरा बात भी नहीं हो पाया की कविता का फ़ोन के बैटरी ख़त्म हो गया और स्विच ऑफ हो गया की तभी उस रूम के दरवाज़ा जोर से नॉक होने लगा।


कविता का डर के मारे बुरा हाल हो रहा था। वो दरवाज़ा जोर जोर से नॉक होने लगा फिर अचानक से नॉक होना बंद हो गया।

कविता हिम्मत कर दरवाज़ा खोली और अपने पूरे घर में सब कुछ चेक किया लेकिन कुछ नहीं मिला। वो सोहन का हमशक्ल या आकाश का आत्मा जो भी था वो गायब हो गया।

कविता चेन का साँस लेते हुए अपने रूम में चली गई। अपने रूम में जा कर कविता का मुँह जो बहुत ही सुकूँ सा लग रहा था वो हवा हो गया।

कविता के सामने एक अजीब सा परछाई खड़ा हुआ था। वो किसी इंसान का शक्ल नहीं था ना ही सोहन का शक्ल बस एक परछाई, सिर्फ काला परछाई खड़ा हुआ था, वो भी कविता के पूरा सामने।

यह देख कविता हक्का बक्का रह गई की तभी अचानक से वो परछाई गायब हो गया। कविता को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की यह वो क्या देख क्या रही है की?

फिर से उसके सामने वो परछाई दिखा।

यह वो सोच ही रही थी की तभी सामने खड़ा परछाई बोला :-" मैं आकाश बोल रहा हुँ। तुम डरो मत। मैं अच्छा आत्मा हुँ। तुम जानना चाहते थे ना मेरा मौत कैसा हुआ? "

कविता को कुछ समझ में नहीं आ रहा थाकी उसके साथ जो हो रहा था वो सच भी है या नहीं की तभी अचानक से कविता का आँख अलार्म बजने से खुल गया। कविता को पता चला की वो अभी तक एक बुरा सपना देख रही थी। 




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