स्केरी नन चैलेंज
स्केरी नन चैलेंज
"चलो आज का स्कूल होमवर्क कम्पलीट हुआ अब मैं आराम से अपना फेवरेट सीरियल 'फियर डायरी ' देखूंगी'। "- इतना कह कर रोहिणी ने अपना बुक्स और नोटबुक्स बैग में रखते हुए टीवी ऑन किया और अपने बेड में जा कर बैठ गई। रात का 1:00 बज रहा था और रोहिणी अकेली अपने रूम पे बैठे डरावनी सीरियल 'फियर डायरी ' देख रही थी।
रोहिणी 'फियर डायरी ' को देखते हुए बहुत एन्जॉय कर रही थी की तभी अचानक रोहिणी के मोबाइल पे एक अननोन नंबर से व्हाट्सप्प पे मैसेज आता हैं। रोहिणी ने उस अननोन नंबर को देखा वो उसी का शहर का था और प्रोफाइल पिक्चर पे एक डरावनी नन का फोटो रखा था। मैसेज में लिखा था हेलो। यह देख रोहिणी को लगा की यह उसके फ़्रेंड ऋतू का काम हो सकता हैं।
अननोन नंबर - हेलो
रोहिणी -हाई
अननोन नंबर - चलो एक गेम खेलते हैं ?
रोहिणी(रोहिणी को लगा की यह उसका दोस्त ऋतू हैं जो मज़ाक कर रही हैं )-आप कौन बोल रहे हो ?
अननोन नंबर -आपको मेरा प्रोफाइल पिक दिख नहीं रहा हैं ? मैं नन हूँ। चलो एक गेम खेलते हैं। खेलना चाहोगे ?
रोहिणी(वो ऋतू का प्रैंक समझ रही थी) :-ओके
अननोन नंबर :- फिर से सोच लो वरना पछताओगे।
रोहिणी :- हाँ, ठीक हैं लेकिन हैं क्या ?
अननोन नंबर :- यह गेम अगर तुम जीत गए तो फिर तुम मुझे जो मांगोगे वो पाओगे औऱ अगर हार गए तो तुम्हें मरना होगा या मारना होगा। इसलिए मैं तुम्हेंं फिर से आख़री बार पूछ रही हूँ, क्या तुम अभी भी खेलना चाहोगी ?
रोहिणी इसे पढ़ थोड़ा घबरा गई और एक पल के लिए उसे लगा की ये ऋतू हो भी सकती हैं या नहीं भी क्यूंकि वो इतना घटिया प्रैंक नहीं कर सकती हैं इसलिए उसने ऋतू को कॉल किया लेकिन ऋतू का फ़ोन स्विच ऑफ आ रहा था। रोहिणी ने ऋतू को मैसेज किया जिसमे रोहिणी ने लिखा की " क्या यह डरावनी नन तुम हो ऋतू ?" और फिर दुबारा अपने फ़्रेंड ऋतू को कॉल किया लेकिन उसका फ़ोन स्विच ऑफ आ रहा था।
कुछ श्रण बाद रोहिणी को फिर से मैसेज आया उस अननोन नंबर से।
अननोन नंबर :- क्या हुआ तुम अभी से डर गई ? बताओ खेलना चाहोगे ?
रोहिणी :- कौन हो तुम ?
अननोन नंबर :- अरे ! तुम्हारे माथे से पसीना क्यूँ टपक रहे हैं ? तुम इतने में ही डर गई अच्छा मैं अपना और एक नमूना दिखाती हूँ। मुझे पता हैं तुम अब क्या सोच रही हो ?
रोहिणी ने कुछ रिप्लाई नहीं दिया।
अननोन नंबर :- तुम मुझे अपना दोस्त ऋतू समझ रही हो ना ? अरे ! तुम्हारे माथे से पसीना क्यूँ टपक रहे हैं ?
रोहिणी :- कौन हो तुम जो इतना घटिया मज़ाक कर रहा हैं और यह तो ओबवियस बात हैं की कोई इतना डराएगा तो माथे से पसीना टपकेगा।ऋतू ? मुझे पता हैं यह तुम हो ?
अननोन नंबर :- कितने बार बताऊ, मैं एक नन हूँ। मेरा मतलब थी लेकिन अब मैं ज़िंदा नहीं हूँ।
रोहिणी :-ऋतू ?
अननोन नंबर :- खेलना चाहोगी या डरपोक हो तुम ?
रोहिणी :- पहले मोमो अब नन। वाह ! ग़ज़ब है। क्या अब मुझे डरावना पिक्स भेजोगे ?
अननोन नंबर :- बेवकूफ हो तुम।
रोहिणी :- हाँ, वो तो मुझे पता हैं और कुछ ?
अननोन नंबर :- अब यह देखो।
रोहिणी(गुस्से से ):- क्या ? तेरा प्रोफाइल पिक्चर में वो सढ़ेला मुँह, तब से तो देखे जा रही हूँ।
इतने में ही कुछ श्रण बाद रोहिणी के पास एक फोटो आया जो एक हैंडसम लड़के का था।
अननोन नंबर :- यह तुम्हारा बॉयफ्रेंड राहन हैं ना ? अब सोच रही हो मुझे कैसे पता होगा ?
रोहिणी :- अब तक याद नहीं आ रहा था डराने को, अभी मेरे पूछने के बाद डरा रही हो।
इतना कह कर रोहिणी ने डायरेक्ट उस नंबर पे वीडियो कॉल किया लेकिन वो रिसीव नहीं किया।
रोहिणी :-अरे !आप कॉल रिसीव करो।
अननोन नंबर :- फाइन, मैं थक गई हूँ। हाँ, मैं ऋतू हूँ और यह मेरा नया नंबर हैं। मैंने सोचा कुछ अलग करू। क्या यार ?
रोहिणी :- तुम भूल रही हो रोहिणी एक एप हैं जिसका नाम रियलकलर(realcaller )हैं जिसमे साफ साफ दिखा रहा हैं की तुम मेरे शहर से ही हो और उसमे तुमने अपना डिटेल्स भी दे रखा हैं और वैसे भी मैं अपने दोस्त को नहीं पहचान पाऊँगी ?
ऋतू :-हाँ, हाँ, वो तो हैं मैं भूल गई थी।
इतने मैं फिर से रोहिणी ने ऋतू को उसी नंबर पे कॉल किया और इस बार कॉल रिसीव हुआ लेकिन वो कॉल ऋतू के मम्मी ने उठाया।
रोहिणी :-" हेलो ! ऋतू "
वहा से ऋतू का कोई आवाज़ नहीं आया बल्कि ऋतू के मम्मा का रोने का आवाज़ आया जिससे रोहिणी को कुछ समझ नहीं आया और थोड़ा डर गई थी।
रोहिणी :-"आंटी, आप रो क्यूँ रहे हैं ? क्या हुआ आंटी ? आप सब ठीक तो हैं ? "
ऋतू के मम्मी रोये जा रही थी जिसके कारण उसका भाई विराट ने कॉल उठाया औऱ बोला :-" ऋतू का एक्सीडेंट हो गया औऱ ऋतू कोमा में हैं "।
यह सुन रोहिणी को 440 वोल्ट का झटका लगा। रोहिणी ने जो अपने कान से सुना वो विस्वास नहीं हुआ। रोहिणी निशब्द हो गई। उसके मुँह से कोई शब्द नहीं निकल रहे थे। रोहिणी ने अपने आप को संभाला और
हिम्मत कर बोली :-"भईया,कोनसा हॉस्पिटल में हैं ऋतू ?"
ऋतू के भईया :-" ए. बी. सी. हॉस्पिटल "
रोहिणी ने अपना बिना समय गवा कर रात के 1:30 बजे वो अपना स्कूटी निकल कर ए. बी. सी. हॉस्पिटल के वहा निकल पड़ी। रास्ते में स्कूटी चलाते समय उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था की अब तक क्या हो रहा था लेकिन अभी रोहिणी के पास सोचने समझने का समय नहीं हैं क्यूंकि उसका दोस्त ऋतू को देखने जाना था। वो उसकी बहुत अच्छी दोस्त थी। रोहिणी स्कूटी चलाते वक़्त उसके आँखों से अपने आप आँशु गिर रहे थे।
ए. बी. सी हॉस्पिटल पे पोहुंच रोहिणी ने जो देखा उसे अपने आँखों से विस्वास नहीं हो रहा था। ऋतू सच में ही हॉस्पिटल के बेड पे लेटी हुई थी। ऋतू को देख रोहिणी सेह नहीं पाई, उसे रोना आ रहा था लेकिन जैसे तैसे अपने आप को कण्ट्रोल कर वह ऋतू के परिवार को सँभालने लगी।
रोहिणी :-"आंटी, सब ठीक हो जायेगा। बस, भगवान पे भरोसा रखिये "।
उसी बिच रोहिणी एक पल के लिए अपना मोबाइल निकाली औऱ वह मैसेजस चैक करने के लिए लेकिन रोहिणी हक्का बक्का रह गई क्यूंकि वो मैसेजस था ही नहीं। व्हाट्सप्प पे उस नंबर से कोई चैटिंग ही नहीं था उसके औऱ ऋतू के बिच। वो आटोमेटिक डिलीट हो गया था।
रोहिणी को सब अजीब लग रहा था साथ में रोना भी आ रहा था। रोहिणी अपने आप से कहने लगी :-" ऋतू, तुम जल्दी ठीक हो जाओ। "
रोहिणी मन ही मन सोच रही थी की काश यह एक बुरा सपना होता। काश यह सच नहीं होता की तभी रोहिणी को जोर से अलार्म का आवाज़ सुनाई पड़ा। रोहिणी एक बुरा सपना देख रही थी। रोहिणी को सपना टूटते ही वो अपने साइड बेड पे सोये ऋतू की औऱ देख रही थी। ऋतू और रोहिणी अपने स्कूल के छुट्टी पर अपने अपने परिवार के साथ घूमने उत्तराखंड आये थे। ऋतू को अपने साइड बेड पे सोया देख रोहिणी ने चैन का साँस लिया और अपने आप से बोली :-"ऍम सॉरी, रोहिणी। हमेशा सोने से पहले सबको गुड नाईट, स्वीट ड्रीम के जगह, बेड नाईट स्केरी ड्रीम्स बोलती रहती हैं औऱ आज सच में ही यह तेरे साथ हो गया। अब से में सबको बेड नाईट स्केरी ड्रीम्स के जगह गुड नाईट स्वीट ड्रीम बोलूंगी "।
इतने पे रोहिणी के पीछे से ऋतू का आवाज़ आया :-" क्या हुआ ? अपने आप से क्या बोल रही हो ? "
रोहिणी :-" तुम उठ गए ? "
ऋतू :-" हाँ, अब इतना जोर से बाते करोगी तो कोई भी उठ जायेगा "।
रोहिणी हमेशा ऋतू से झगड़ा करती थी लेकिन इस बार रोहिणी ने ऋतू के पास जा कर ऋतू को कस कर गले लगा लिया बोली :-"आई लव यू, ऋतू।"
यह सुन ऋतू बोली :-" क्या हो गया तुम्हें ? हमेशा तो सर पर तलवार ले कर घूमती थी आज अचानक से उलटी गंगा क्यूँ बह रहा हैं ?"
रोहिणी :-"जस्ट इग्नोर इट। कुछ नहीं।"
इतने में रोहिणी और ऋतू के मम्मी आये औऱ बोले :-"बच्चो, घूमने नहीं जाना आज ?"
रोहिणी :-" हाँ, जाना हैं ना, क्यूँ नहीं ?"
फिर सब खुशी खुशी घूमने चले गए।

