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ARVIND SINGH

Horror Romance

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ARVIND SINGH

Horror Romance

जंगल में खजाना

जंगल में खजाना

4 mins
690

        निर्देश

----------:-------  इस कहानी की शुरुआत करने से पहले में आपको ये सूचित कर देता हूँ की इस कहानी को सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से लिखा गया है इसमें किसी भी सच्ची घटना से कोई मतलब नहीं है और इसमें जो भी बताया गया है वो सिर्फ कहानी को अच्छा रूप और पाठकों को आकर्षित करने के लिए लिखा गया है 


ये बात उन कॉलेज फ्रेंड की है की जो ऐसे दोस्त थे जो हमेशा साथ रहते है और हमेशा एक दूसरे का साथ देते है ये सभी एक ही कॉलेज में पड़ते है चारों ही अलग अलग गावों से होते है मगर है एक ही राज्य के, और एक का नाम रोहित, विक्रम , राहुल और राजन होता है चारों की मुलाकात हॉस्टल से होती है जब वे 10 क्लास में एक साथ हॉस्टल में एडमिशन लेते है वह पर उनकी अच्छी दोस्ती हो जाती है और चारों एक साथ निर्णय लेते है की वो एक ही रूम में रहेंगे और वो सभी अपने हॉस्टल के मैनेजर से बोल के एक रूम में रहने के लिए परमिशन ले लेते है ओर साथ साथ रहते है ऐसे ही चारों पढ़ते पढ़ते अपनी 10 और 12 क्लास भी पास कर लेते है और स्कूल से अब वो कॉलेज में पढ़ने के लिए चले जाते है और कॉलेज में उन चारों का 1st ईयर होता है वो भी क्लियर कर लेते है और उनकी कॉलेज की छुटिया पढ़ जाती है और वो भी कॉलेज में बैठे होते है आपस में बाते करते है 


राहुल - दोस्तों चलो न कहीं घूमने चलते है हर बार हम सिर्फ हॉस्टल से सिर्फ घर और घर से हॉस्टल ही आते है अबकी बार कही चलते है यारों

रोहित - हां यार राहुल सही बोल रहा है न चलो न कही गुमने चलते है यार इस पढ़ाई और हॉस्टल से तो में बोर हो गया हूँ।

इसी बातों को करते करते विक्रम बोलता है।


विक्रम - यार तुम लोगों को याद जब हम लोग 12TH क्लास में थे न तब मेरे दादा जी का निधन हो गया था, तब में अपने गांव गया था तब मेरे दादा जी मुझे एक कोई किताब दी थी और बोले थे बेटा ये किताब कोई मामूली किताब नहीं है ये किताब बहुत ही अनोखी किताब है अगर इस किताब में बताये गए निर्देश की पढ़कर उसके रहस्य को सुलझाया जाये तो इसमें बहुत गरीबों का भला हो सकता है क्यूँ की इसमें लिखा हुआ है इसमें ग्वालियर के किले का खज़ाना कहा छुपाया हुआ ये किताब मुझे मेरे पुरखों ने दी है मैंने इसको जानने की कोशिश की मगर मुझे असफलता ही मिली क्यूँ की इसके लिए एक दल की जरूरत होती है बस इतना ही मेरे दादा ने कहा और वो चल बसे।


इतने में ही राजन बोला - अरे मैं भी सोच रहा था की कहाँ चले कहाँ चले मगर अब जो विक्रम के दादा जी ने जो बुक दी है उसके ही बारे में जानकारी हासिल करेंगे।  


राहुल - ओए रोहित बुक मत बोल उसको मिस्ट्री बुक बोल 

इतने में चारों दोस्त हँसते है और रोहित बोलता है - पर विक्रम वो बुक है कहा जो तेरे दादा जी तुझे दी थी

विक्रम - वो किताब मेरे बैग में ही है साथ में ले के आया था मगर तुम लोगों को बताना भूल गया अभी लेके आता हूँ मैं।


इतने में विक्रम उस किताब को ले के आता है और रोहित के हाथ में दे देता है क्यूँ की रोहित ही उन सभी में सबसे active boy था और विक्रम उस किताब को खोलता वो बहुत ही कपड़ो में लपेटी हुई होती है और किताब देखते ही विक्रम बोलता है ये किताब के बारे में तो मैं जानता हूँ ये किताब ग्वालियर के राजा ने जिनका नाम जयाजी राव था उन्होंने इसमें अपने ख़ज़ाने जिसको गंगाजली के नाम से जाना जाता है उन्होंने कही ख़ज़ाने अलग अलग तहखानों में छिपा के रखे है और उन्होंने ये ख़ज़ाने अंग्रेजों से सुरक्षित रखने के लिए छिपाये थे क्यूँ की उन्हें डर था अंग्रेज इनका गलत इस्तेमाल करते और पूरे भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती इसी के चककर में उन्होंने पूरा ख़ज़ाना सुरक्षित छिपा दिया था और इसका रहस्य किसी बीजक में छुपा दिया था ये बात उनके बेटे को मालूम थी 


राजन- तो क्या ये वही बीजक है जिसमें ख़ज़ाने का रहस्य छिपा है

रोहित- में पक्का तो नहीं बोल सकता की ये वही है मगर शायद हो भी सकता है 

राहुल - तो हमें इसकी खबर हमारी भारत सरकार को देनी चाहिए  


रोहित - नहीं हम बिना किसी सबूत के नहीं दे सकते की ये व्ही बीजक है इससे हमारी ही बेइज्जती होगी और हमारी जान को खतरा भी

विक्रम - तो अब हमें क्या करना चाहिए

रोहित - हम अपनी छुट्टियाँ इसी बुक के रहस्य को सुलझाने में करेंगे और अगर हमें खज़ाना मिल गया तो हमें अपनी सरकार को बता देंगे 

राहुल - हां यार 

रोहित - चलो अब सो जाते है कल सुबह हम सभी निकलेंगे

राजन - ओके भाई हम सबको कुछ पता नहीं हम पहले कहा जायेंगे 

रोहित - तू ज्यादा सोच मत बस ग्वालियर के 4 ट्रैन टिकट बुक कर ले 

राजन - पैसे कौन देगा 

रोहित - विक्रम से ले लेना

विक्रम - किताब भी मेरे दादा जी की और पैसे भी मेरे 

राहुल- किताब तो जयाजी राव की है भाई

रोहित - सब अपने अपने पैसे देंगे अब सो जाओ।  


GOOD NIGHT 


आगे अगले भाग में पढ़े... धन्यवाद दूसरा भाग जल्द ही आपके समक्ष 

क्रमशः


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