ARVIND SINGH

Others

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ARVIND SINGH

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एकल परिवार

एकल परिवार

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आज एक बुड्ढा किसान सूरज की ढलती शाम में एक बंजर से खेत में बैठा बैठा उसके हाथों में एक धुंधली सी तस्वीर लिए बैठा था कुछ सोच रहा था मानो किसी यादों में खोया हुआ था वो सोच रहा था की जब उसका परिवार एक साथ उसके साथ था तो कितना सुकून था न कोई अकेलापन था सिर्फ एक अच्छी सी एक ज़िंदगी थी और एक हसीन सा पल था उसने उसके लड़कों की शादी कराई और जैसे ही उस की बहुएँ उसके घर में आयी घर की जरूरतें बढ़ गयी और इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए अब उसके बेटे बहार शहरों में कमाने के लिए और अपनी आजीविका पूरी करने के लिए जाने लगे सब एक एक करके अब बाहर जा रहे थे कोई भी उसके गांव में नहीं रह गए थे उसको अब ये एहसास हो गया था की उसका परिवार अब टूट जायेगा और सच में टूट गया अब सिर्फ उसके बेटे कभी कबार आते थे उनके गांव में और चले जाते थे एक बार उस किसान की पत्नी बीमार हो गयी उसने गांव में जा के किसी होनहार आदमी से अपने बेटों को घर पे बुलाया और उसके बेटे आते उससे पहले ही उसकी पत्नी मर गयी बेटे अपनी माँ का अंतिम क्रियाकर्म करके चले गए और वो बूढ़ा किसान अकेला रह गया उनके बेटों की शादी में ली हुई फॅमिली फोटो को देख कर उसकी आँख में पानी था शायद वो उसकी ज़िंदगी का अंतिम दिन था इसी के साथ उसकी ज़िंदगी का सूरज भी ढल जाता है 


LOVE YOUR FAMILY....


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