जीवन भर का साथ
जीवन भर का साथ
आज सुबह मेरे शहर में कार दुर्घटना की खबर शर्मा खानदान में ऐसी फैली जैसे समुद्र में तूफान आया हो। खबर भी ऐसी थी कि शर्मा खानदान का सबसे लाडला और छोटा बेटा आज अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच की लडा़ई लड़ रहा था, उसकी शादी को अभी कुछ ही दिन बचे थे।
कागज़ मिल का मालिक था, माँ बाप का सबसे संस्कारी था,अपने दोस्तों के साथ मंदिर में माँग गयी मन्नत को पूरा कर के लौट रहा था ।हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा बैठा ।
ये बात जब लड़की वालों के यहाँ पहुँची तो उन्होंने इस रिश्ते को तोड़ने की कोशिश की । कार्ड दोनों परिवारों में सब तरफ बंट गए थे ।अब शा
दी को तोड़ना असंभव लग रहा था।रिश्तेदार लोग भी आने शुरू हो गए थे ।
ये बात जब राधा को पता चली तो वो फूट फूट कर रोने लगी ।वो तो राहुल से बहुत प्यार करती थी।वो नही चाहती थी कि ये रिश्ता टूटे ।
राधा ने पिताजी को कहा "कुछ भी हो जाये मैं जीवन भर ऊसके साथ रहना चाहती हूँ ।वो विकलांग हो गया तो क्या हुआ, मै हूँ ना,मै उसके सारे काम करूंगी"।पिता जी ने राधा को बहुत समझाया, पर वो कहाँ मानने वाली थी।
राधा की ज़िद के आगे सब नतमस्तक हो गये।राधा के इस निर्णय से राहुल और राहुल के परिवार वाले बहुत खुश हुऐ,और दोनों का विवाह धूम धाम से करवा दिया ।