खुशी
खुशी
आज रामू के इम्तिहान का परिणाम आने वाला था। वो परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। हर बार वो इम्तिहान देता, पर असफल हो जाता। मेहनत करने के बावजूद भी भी इम्तिहान में अनुत्तीर्ण रहता।
हर बार उम्मीद रखता पर उसकी उम्मीद की किरण पर तो मोटी मोटी बर्फ की परत जमी हुई थी। नाकामयाबी की बर्फ पिघलने का नाम ही नहीं ले रही थी।
विद्यालय की बेंच पर बैठ परीक्षा फल का इंतजार और मन में अन्तर्द्वन्द्व चल रहा था। आज सारी दुनिया क्रिसमस मना रही थी और वो कर था इंतजार।
तभी विद्यालय के अध्यापक उसके पास आये, उसे लगा सांता क्लाज़ आया है, कोई खुशख़बरी देने। अध्यापक ने रामू के कंधे पर हाथ रखा, और बोले," रामू तुम इम्तिहान में उत्तीर्ण हो गये हो, बहुत बहुत बधाई ।"
रामू ने जैसे ही सुना ही उसको सर्दी का मौसम भी सावन की तरह लगने। सर्दी में जमी आसपास की बर्फ पिघल कर आँखों से ऑंसू बन निकलने लगी। आज उसे क्रिसमस पर इतना बड़ा उपहार जो मिल गया था ।