Dipesh Kumar

Abstract

4.5  

Dipesh Kumar

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जब सब थम सा गया

जब सब थम सा गया

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प्रिय डायरी,

आज सुबह का मौसम कल की अपेक्षा ठीक था। सुबह सुबह छत पर योग करने के बाद मैं कुछ देर तक छत पर बैठ कर ही गाना सुनने लगा। लॉक डाउन की वजह से एक चीज़ तो हैं पर्यावरण साफ़ हो गया हैं। कल समाचार में ही मैं देख रहा था कि गंगा नदी का जल पीने योग्य हो गया हैं। सच में हम सबने प्रकृति को कितना दूषित कर दिया हैं और इस कारण प्रकृति अब अपने आप को खुद ही साफ़ कर रही हैं। परिवर्तन ही प्रकृति का नियम हैं किसी ने सच ही कहा हैं। सूर्योदय के बाद में नीचे आया और स्नान करने से पूर्व अपने कमरे की सफाई करने लगा। वैसे तो जीवन संगिनीजी जब यहाँ रहती हैं तो मुझे कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ती लेकिन लॉक डाउन के चलते वो अपने मायके में ही हैं। सफाई करके में स्नान करने के बाद नीचे पहुँचा। पूजा पाठ करने के बाद में गाय के पास गया। गाय अब पहले से बेहतर थी। लेकिन फिर भी डॉक्टर दोपहर में आकर उसको ग्लूकोस की बोतल चढ़ाएंगे।

नाश्ता करने के बाद मैं टीवी देख रहा था।

दरहसल कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं की हत्या कर दी गयी थी। उसी विषय पर साधुओं द्वारा न्याय की मांग के लिए वाद विवाद चल रहा था। इस लॉक डाउन में ऐसी बहुत सी घटनाएं हुए हैं जिसने ऐसी परिस्थिति में भी मानवता को शर्मशार कर दिया हैं। टीवी बंद करके में ऊपर अपने कमरे में आकर अपना मेल देखने लगा। आज सीबीएसई द्वारा ऑनलाइन सेशन 3 से 4 और 4:15 से 5:15 दो सेशन होना हैं। पहला श्री राजीव श्रीवास्तव सर द्वारा जेंडर सेंसिविटी और दूसरा श्रीमती गिरजा सिंह द्वारा इंकलुसन एजुकेशन पर हैं।

मेल देखने के बाद मैं कुछ देर किताब पढ़ने लगा।

12 बजे के लगभग मैं नीचे आया क्योंकि डॉक्टर आ चुके थे। डॉक्टर साहब ने गाय को देखा और बोतले चढ़ाया। गाय अब पहले से बेहतर थी। डॉक्टर साहब को देख कर रेम्बो उनके पास जाने को भौकने लगा। उसको भौकता देख डॉक्टर साहब खुद ही उसके पास आ गए। उनको देख कर वो चुप हो गया। दोपहर का भोजन करने के बाद मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया क्योंकि 3 बजे से मुझे सीबीएसई द्वारा ऑनलाइन सेशन में सम्मिलित होने हैं।

2:45 के लगभग मैं हाथ मुह धोकर मोबाइल के साथ अपने ऑनलाइन सेशन के लिए तैयार हो गया। पहला सेशन श्री राजीव श्रीवास्तव सर द्वारा जेंडर सेंसिविटी पर था। तकनिकी खराबी के चलते इस सेशन में बहुत सी परेशानी हो रही थी। लेकिन फिर भी सेशन ठीक ही था। दूसरा सेशन श्रीमती गिरजा सिंह द्वारा इंकलुसन एजुकेशन पर था,ये मैडम द्वारा मेरा दूसरा सेशन था। मैडम का सेशन बहुत ही शानदार रहता हैं वास्तव में बहुत ही सुंदर ढंग से मैडम ने उदहारण के साथ समझाया। सेशन 5:30 तक चला। सेशन के बाद मैं नीचे जाकर पेड़ पौधों की देख रेख के बाद टहलने लगा। शाम की आरती के बाद हम सब कुछ देर बात करने लगे और रात्रि भोजन के बाद में अपने कमरे में आ गया।

कमरे में आकर मैं सीबीएसई के ऑनलाइन सेशन की रिपोर्ट तैयार करने लगा और जो जो बात आज मैंने इन दो सेशनों में सीखा उसे स्कूल में जरूर इस्तेमाल करने का निश्च्य किया। रिपोर्ट तैयार करते करते 12:30 बज गए और मुझे नींद भी आने लगी। कुछ देर बाद बिस्तर पर आकर लेटा और सो गया।

इस तरह लॉक डाउन का आज का दिन भी समाप्त हो गया। ऑनलाइन सेशन जो मेरे लिए पहला अनुभव था, इस लॉक डाउन में ये मेरे लिए एक सुनहरे तोहफा था। जिसके कारण में घर में ही बैठे बैठे बहुत कुछ सीख रहा हूँ। कल एक और सेशन हैं। कहानी अभी अगले भाग में जारी रहेगा..।


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