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Diwa Shanker Saraswat

Romance Tragedy Thriller

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Diwa Shanker Saraswat

Romance Tragedy Thriller

इकतरफा प्यार

इकतरफा प्यार

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बैंड बाजों की थाप पर नाचते बराती। लङकी पक्ष के लोग बरातियों के स्वागत में बिजी थे। वैसे शर्मा जी ने कोई कमी नहीं रखी थी। पर संजू के होते कुछ भी कमी रह जाये, संभव ही नहीं था। बङा मिलनसार लङका था। मोहल्ले में सभी की शादियों की व्यवस्था सम्हालता। पर शर्मा जी की बेटी पूर्वी की शादी में तो संजू कुछ ऐसा खोया कि घर की ही शादी हो। हलवाई , स्टेज, फूल बाले, टैंट बाले, और भी न जाने कितनों को बार बार हिदायत देता। देखो... कोई कमी नहीं रहनी चाहिये। आखिर पूर्वी की शादी है। किसी को कोई कमी दिखाने का मौका नहीं मिलना चाहिये।

   "सचमुच बङा मिलनसार और मेहनती लङका है। आजकल तो खास खास रिश्तेदार भी ऐन टाइम पर आते हैं। आखिर किसे क्या व्यवस्था सोंपे। यह तो संजू है तो मुझे आराम है।" शर्मा जी हर किसी को संजू की तारीफ में जरूर कुछ न कुछ कहते।

  वरमाला के समय पूर्वी की सुंदरता देखते ही बनती। पर संजू बार बार दूल्हे की सुंदरता की तारीफ करता। देखो अंकल ने कितना सुंदर दूल्हा ढूंढा है पूर्वी के लिये। बहुत पढा लिखा है ।बहुत बङी कंपनी का मालिक है। सचमुच पूर्वी अब राज करेगी।

  अचानक न जाने कहाॅ से शार्ट सर्किट हुआ। स्टेज पर आग लग गयी। दूल्हा तो भागने में कामयाब हो गया। पर भारी भरकम लंहगें में पूर्वी को भागना असहज था। पूर्वी आग में घिर गयी। शर्मा जी की चीखें आ रहीं थी - कोई पूर्वी को बचाओ। पर पूर्वी को बचाये कौन।

  फिर जो काम कोई नहीं कर सकता, उसे भी संजू ने किया। आग की लपटों पर भागकर पहुंचा और पूर्वी को बचाते हुए बाहर आया। खुद का पूरा शरीर झुलस गया। पर पूर्वी को कुछ नहीं होने दिया। आनन फानन में संजू को अस्पताल पहुंचाया। शादी का प्रोग्राम फिर चालू हो गया। भले ही दुर्घटना बङी थी पर शादी भी तो नहीं रुक सकती थी।

 अस्पताल में जीवन और मृत्यु से संघर्ष करता संजू आज फिर अपने मन से लङ रहा था।

  "तुम फिर आ गये। बताया ना। मैं पूर्वी के लिये कुछ नहीं कर सकता। न तो मेरे पास दौलत है। न मैं पूर्वी जितना पढा हूॅ। वैसे भी प्यार व्यार कुछ होता ही नहीं है।"

  "होता है। और खुद तुम पूर्वी से प्यार करते हो। मैं तुम्हारा मन हूॅ। मुझसे तुम झूठ नहीं बोल सकते।"

 " तुम तो बात बनाना जानते हो। स्टेटस का मतलब मालूम है। प्यार और नफरत दोनों बराबर बालों से होती है। कहाॅ राजा भोज, कहाॅ गंगू तेली। "

" कुछ भी हो संजू। पर मुहब्बत कहीं ऊंच नीच नहीं देखती। दिल कभी भी छोटा या बङा देखकर पसंद नहीं करता। जहाॅ बराबरी देखी जाये, वहाॅ तो सौदा होता है। प्यार कोई सौदा नहीं। तुम आग में इसी लिये कूदे क्योंकि तुम पूर्वी से प्यार करते हो। मेरे कितना कहने पर भी एक बार भी पूर्वी से प्यार का इजहार नहीं किया। "

 " तू तो कुछ भी बोल जाता है। अरे प्यार कोई एकतरफ़ा व्यवहार थोङे ही है। प्यार अगर सच्चा हो तो दूसरे के मन में जगह जरूर बनाता है। लगता है कि मेरा प्यार सच्चा नहीं था। तभी तो एकतरफा रहा। "

  आज पहली बार संजू ने अपने मन को चुप कर दिया। फिर भी मन मानने को तैयार नहीं था कि संजू का प्यार सच्चा नहीं था। आखिर प्यार सच्चा नहीं था तो फिर संजू आग में अपनी जान की परवाह किये बिना क्यों कूदा।

 धीरे धीरे दोनों में ज्यादा बहस होती गयी। आखिर में मन ही बोला - "अब इस बात का फैसला तो भगवान ही करेंगे। तेरा सच्चा प्यार इकतरफ़ा कैसे रह गया।"

 भगवान से फैसला कराने संजू अपने मन के साथ निकल गया। पूर्वी की शादी पूरी होकर पूर्वी आपनी विदाई के दुख में अपने पिता के गले लग रो रही थी। दूसरी तरफ अस्पताल में संजू की माॅ भी संजू के शव पर लिपटकर रो रही थी।


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