Archna Goyal

Horror

3.4  

Archna Goyal

Horror

इच्छाधारी परछाँई

इच्छाधारी परछाँई

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"नहीं ,नहीं , मुझसे दूर रहो, मुझसे दूर रहो ,"चिल्लाते-चिल्लाते पीटर इस कमरे से उस कमरे ,उस कमरे से इस कमरे भागा भागा फिर रहा था । एक औरत की परछाँई उसका पीछा नहीं छोड़ रही थी। पीटर की चीख सुन उसका दोस्त सेंडी आवाज़ की ओर भागा, मगर परछाँई ने उसको दबोच लिया । ये दोनों घूमने आए थे पास के ही शहर में , घूमते -घूमते इधर आ गए और खण्डर में फँस गए ।सेंडी ने परछाईं की गिरप्त से निकलने की बहुत कोशिश की पर असफल रहा । दोनों दोस्त बुरी तरह से फँस चुके थे इस खण्डर बने हुए घर में । 


परछाँई ने अपना तांडव करना शुरु कर दिया । परछाँई इच्छाधारी थी , वो किसी भी रुप में आ सकती थी । रात्री के एक पहर (12 से 3 का समय) में पीटर और सेंडी को अपने रुप-जाल में फंसा लिया । उसने उन दोनों के साथ शारारीक संबध बना लिए । तब जाकर परछाँई के नए रुप का समय खत्म हुआ और वो अपने पहले रुप में आ गई ।इसके साथ ही उनके रुह में समा गई । अब वह परछाँई और भी शक्तिशाली हो गई । अब सेंडी और पीटर दोनों उसके हाथ की कठपुतली हो गए थे ।उनके मस्तिष्क का नियत्रंण अब परछाँई के हाथ में आ गया। दोनों भूल गए थे कि वे कोन है ।वो अब परछाँई की परछाँई बन गए थे । जो परछाँई के मस्तिष्क में चलता अब वो ही उन दोनों के मस्तिष्क में चलता । 


दोनों खण्डर के तहखाने में गए जहाँ उन्हें एक लाल किताब मिली । इस पर लिखा था ,"मुझे खोलो"। उन्होंने उस किताब को खोला।  किताब के अंदर पहले पन्ने पर लिखा था "इसमें बनी तस्वीर की आँखों को छूओ "। उन्होंने उसे छुआ । छूते ही वे दोनों एक बहुत बड़े जादूगर के महल में पहुँच गए जहाँ उसने अपना साम्राज्य इस कदर फैला रखा था कि देखते ही आँखें चोंधिया जाए । पर उन दोनों की नज़र एक ताबूत ढूंढ रही थी जिसमें परछाँई का शव रखा था । उस शव को एक ताबीज़ पहना रखा था, उन्हें वो ताबीज़ लेके जाना था । 


आख़िरकार जादूगर की नज़र से बचकर दोनों ने ताबूत ढूंढ ही लिया । ताबूत खोलकर उन्होंने झट से वो ताबीज़ निकाल लिया ।वे लोट आए वापस उसी खण्डर में ।ताबीज़ के आते ही परछाँई ने उसे पहन लिया और वो अपने शरीर में वापस आ गई । अब दोनों दोस्त भी परछाँई के आतंक से आज़ाद हो गए ।


सेंडी और पीटर ने तय किया कि परछाँई के शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया जाए ताकि इसकी मुक्ति हो सके। सब काम निपटा कर वे अपने शहर लोट आए ।



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