सोनी गुप्ता

Abstract

4.7  

सोनी गुप्ता

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हमारे छोटे का सपना

हमारे छोटे का सपना

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 हमारे छोटे जब नेता बनने वाले थे ,तो पहले उन्होंने अपनी जनता को कैसे अपनी बातों से उलझाया या समझाया तो सुनते हैं उनकी प्यारी-प्यारी बातें! 


 सम्मानित मंच और प्यारी जनता को मेरा नमस्कार

 (जय हिंदुस्तान, जय भारत) 

 आज मुझे आपका साथ चाहिए, आपका विश्वास चाहिएI वह विश्वास जिस पर मैं खरा उतर सकूं

 भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था से जातिवाद का पूरा खात्मा हो जाएगा लेकिन आज जातिवाद शब्द हमारे सामाजिक व्यवस्था में बल्कि राजनीतिक व्यवस्था में इस कदर छाई हुई है कि पूरा समाज और पूरा देश इससे प्रभावित हो रहा हैI दोस्तों जातिवाद में जाति तो एक ऐसी व्यवस्था, 

एक ऐसी प्रणाली है, जो देवताओं महात्माओं के काल से चली आ रही है हमें इस जाति से कोई भेदभाव नहीं कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जब इस जात में वाद लगता है मित्रों

तब एक खतरनाक स्थिति का प्रादुर्भाव होता है I

आज भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में न जाने कितने राजनीतिक पार्टियों का जन्म हुआ है, जो सिर्फ अपने हित के लिए कार्य करती हैI जनता के हित के लिए नहीं जातिवाद के नाम पर एक दूसरे को लड़ाती हैI

और लोगों के हित का दुरुपयोग करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं I इन लोगों से आपको बच के रहना हैIआज मैं सिर्फ या वोट मांगने नहीं आया Iमैं आपको विश्वास दिलाता हूं की हमारी राजनीति जातिवाद नहीं हैI


यहां जातिवाद के नाम पर ना भेदभाव होगाI

सबसे उन्नत अब हमारा समाज होगाI


रहते थे पहले हम दीवारों के बीच, 

आज तो दीवारें हमारे बीच रहती हैं


हम दीवारों को उस जातिवाद को समाज से निकालना हैI जिसके लिए आप का मुझे साथ चाहिए विश्वास चाहिएI और मैं जानता हूं ,आप मेरा समर्थन जरूर करेंगेI


मैं आप सभी का धन्यवाद देता हूं कि आप सभी ने मुझे इतनी देर तक बैठकर सुनाI

अंतिम में अपनी कुछ पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा I

लोकतंत्र का महा उत्सव है चुनाव, 

बदल देता राष्ट्र की दिशा और दशा तय करता है चुनाव,

हर मत का अपना भाव है, 

कि सियासत की तख्तापलट करता चुनाव, 

राजनीति से छनकर राष्ट्रीय नीति बनाता है चुनाव ,

इसलिए समाज के लिए नया बदलाव लाया है चुनाव 

 धन्यवाद      


इतना लंबा चौड़ा भाषण देने के बाद हमारे छोटे जी बहुत थक गए और एक लंबा सा विश्राम किया

फिर क्या था सपनों की दुनिया में खो गए और सपनों में बन गए नेताजी! अपने हाथ जोड़कर सभी से बातें करते हुए भीड़ में दिखाई दे रहे थे और नींद में मन ही मन मुस्कुरा रहे थे, 

लेकिन तभी एक आवाज आई ,छोटे और छोटे उठ जा सुबह हो गई है पानी भरकर ले आ! 

बेचारे छोटे का सपना सपना ही रह गया! 


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