नीलकंठ पक्षी
नीलकंठ पक्षी
नीलकंठ का दिखना विजय का प्रतीक माना जाता है,
यदि पीठ पीछे दिखे तो असफलता दुख को दर्शाता है,
सुंदर इतना सर और पंख तक रंग नीला-नीला होता है,
अपनी नीले रंग के कारण ही नीलकंठ यह कहलाता है I
"नीलकंठ पक्षी "
सच कहते हैं रंग बिरंगे पक्षी वातावरण की आभा को सुशोभित करते हैं। कोई पक्षी काला, कोई सफेद , हरा, नीला, पीला, लाल, सफेद, काले रंग में होते है। इनकी सुंदरता मन को मोह लेती हैI
भारत विशाल देश है। इसमें पक्षी भी अनेक प्रकार, रंग रूप तथा गुणों के पाए जाते हैं। कुछ बहुत बडे़ हैं तो कुछ छोटे आकार केI मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। और कुछ घरेलू पक्षी तो हमारे आस- पास घरों में ही रहते हैंI
आज हम बात कर रहें हैं नीलकंठ की I
नीले और भूरे रंग का नीलकंठ पक्षी दिखने में बहुत सुंदर होता है।
नीलकंठ जिसे अंग्रेजी में इंडियन रोलर कहा जाता हैI
वैज्ञानिक नाम कोरेशियस बेन्गालेन्सिस यह रोलर वर्ग का पक्षी है।
यह अधिकतर उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है I
नीलकंठ से संबंधित कई कहानियाँ प्रचलित हैI चलिए तो जानते हैं इसके पीछे क्या कहानी है?आखिर नीलकंठ पक्षी का नाम नीलकंठ क्यों पड़ा?
इसे देखने से क्या-क्या लाभ होता है?
प्रथम कहानी
माना जाता है कि इस पक्षी का नाम नीलकंठ, भगवान शिव के नाम पर पड़ा है Iभगवान शिव के अनेक नाम है उन्ही नामो से एक नाम नीलकंठ हैI इसे भगवान शिव का अवतार माना जाता है I कहते हैं जो इसे देखता है उसे धन का लाभ होता हैI लोगों का मानना यह भी है कि इसे 'किसानों का रखवाला' कहते हैंI
दुनिया में ऐसे कई पक्षी हैं जो इंसान की धार्मिक आस्था का प्रतीक हैंI भारत में कई पक्षियों को भगवान स्वरूप माना जाता हैI ऐसा ही एक पक्षी है नीलकंठ, जो भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है I
कहते हैं, समुद्र मंथन ने दौरान जब विष से भार कलश निकला तब भगवान शिव ने दुनिया को बचाने के लिए उस विष को पी लिया जिसके बाद उनका गाला नीला हो गया था I इस कारण से भगवान शिव को नीलकंठ कहा जाने लगा I और इसी तरह नीला रंग होने के कारण इस पक्षी को भी भगवान शिव का ही रूप माना जाने लगाI
द्वितीय कहानी
इसके पीछे एक कहानी और भी प्रचलित हैIलंका जीत के बाद जब भगवान राम को ब्राह्मण हत्या का पाप लगा थाI तब भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की और शिव पूजा करने से ब्राह्मण हत्या के पाप से स्वयं को मुक्त कराया तब भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर आये I
तृतीय कहानी
नीलकंठ को दशहरे के दिन देखना बेहद शुभ होता हैI कहते हैं, कि जिसे भी ये चिड़िया दशहरे के दिन नजर आती है उसको धन का लाभ होता है I और तो और उसकी किस्मत भी चमक जाती है I
ऐसा भी कहा जाता है भगवान राम ने नीलकंठ पक्षी को देखने के बाद ही रावण का वध किया था I जिसे दशहरा के रूप में मनाया जाता हैIइस वजह से नीलकंठ पक्षी को गुड लक का प्रतीक भी मानते हैंI
नीलकंठ अब विलुप्त होने की कगार पर बढ़ रही है I नीलकंठ की कम होती आबादी के कारण अब इसे देख पाना मुश्किल हो गया है I