सोनी गुप्ता

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4.9  

सोनी गुप्ता

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डायरी के पन्नों से

डायरी के पन्नों से

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इसका सौ सालों से पुराना इतिहास माना जाता है, 

सिंहों का नगर यह सिंगापुर के नाम से जाना जाता है, 

दूर-दूर से लोग यहाँ इस जंगल का आनंद लेने आते हैं, 

आकर इस जंगल की खूबसूरती को भूल नहीं पाते हैंI


"गिर के जंगल"


जंगल भूमि का वह टुकड़ा जिसमें बहुत बड़ी संख्या में वृक्ष और पौधों की अलग- अलग प्रजातियां शामिल होती हैं। प्रकृति की ये खूबसूरत रचनाएँ जहाँ सभी जानवरों के रहने के लिए यह जंगल घर का काम करती हैं। घने पेड़ों, झाड़ियों, से घिरे इस स्थान को जंगल के रूप में जाना जाता है। दुनिया भर में कई प्रकार के जंगल हैं जो विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है।


अलग अलग तरीकों और विशिष्टता के आधार पर वनों को वर्गीकृत किया जाता है I जैसे सदाबहार या पर्णपाती जंगलI वन विशेष रूप से जलवायु और प्रमुख प्रजातियों के पेड़ों पर आधारित हैI और इसी आधार पर इसे वर्गीकृत किया जाता है I

 इसी प्रकार गुजरात में विभिन्न प्रकार के वन हैं जिनमें दक्षिण गुजरात में नम पर्णपाती वन से लेकर तट के किनारे मैंग्रोव वन और उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ में कई स्थानों पर झाड़ियाँ पाई जाती हैं। यह शुष्क पर्णपाती जंगलों का हिस्सा हैI


अभी कुछ साल पहले की ही बात है I जब हम गुजरात के गिर जंगलों में गए I इसका जिक्र मैंने अपनी डायरी में किया है I चलो आज मैं आपको अपनी डायरी के कुछ पन्नों से मिलवाती हूँI

 

डायरी के पन्ने 

रविवार 12 नवम्बर 2010

समय 12 बजकर 40 मिनट रात्रि


प्रिय डायरी

आज ही हम गुजरात पहुँचे, यहाँ कृष्णा होटल में रुककर मैंने और मेरे सभी साथियों ने मिलकर खाना खाया I हम सभी दोस्तों ने मिलकर एक गाड़ी बुक की I 10 बजे का समय चुना गया गिर के जंगलों में घूमने के लिएI सबसे पहले मैं इस जंगल के बारे में कुछ जानकारी दे देती हूँI


गिर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात में राज्य स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है, जो एशिया में सिंहों का एकमात्र निवास स्थान होने के कारण जाना जाता है। गिर अभयारण्य कई वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें,राष्ट्रीय उद्यान वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो हमने देखा I


करीब सुबह के 10:05 पर हम सभी अपनी गाड़ी (सफारी) में बैठ चुके थेI यहाँ से हमारी गिर के जंगलों की यात्रा प्रारंभ होती हैI यह बहुत ही रोमांचकारी अनुभव था हम सभी के लिएI गिर एक व्यक्ति का किराया 75/- रुपये था गिर राष्ट्रीय उद्यान के लिए I हमारे साथ एक व्यक्ति था जो हमें हर थोड़ी देर पर यहाँ की जानकारी दे रहा था I उसने बताया गिर राष्ट्रीय उद्यान 1412 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ भारत का एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है, जो एशियाई शेर का निवास स्थान है। गिर राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना सन् 1965 ई० में “राष्ट्रीय उद्यान” घोषित कर दिया गया था,और तो और यह मुख्य रूप से एशियाई शेरों के लिए प्रसिद्ध है।हमारे गाइड ने बताया गिर नेशनल पार्क को खासकर शेर के संरक्षण के लिए बनाया गया है।


अंदर आते ही हमने कई सारे शेर घूमते हुए देखे I इतने सारे शेर कभी जीवन में भी इतने सामने से हमने नहीं देखे थेI थोड़ा डर भी लग रहा था लेकिन मजा आ रहा था I यहाँ हमने तेंदुए, साम्भर, दलदली मगरमच्छ, सरीसृप जैसे जानवर भी देखे I

तभी बेमौसम बरसात हो गई I सभी शेर जो हमें बाहर घूमते नजर आ रहे थे, बारिश से बचने के लिए वे कहीं छिप गए I


शेरों की सुरक्षा के लिए बनाया गया यह जंगल बड़ा ही रोमांचकारी था, और इन जानवरों से हम सभी की सुरक्षा हेतु घूम रहा अधिकारी था I

 ये 6 घंटे की यात्रा हम सभी के लिए यादगार बन गई Iआज गिर एशिया का एक सिर्फ ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर एशियाई शेर पाए जाते हैं।

आज तो लिखते हुए समय का पता ही नहीं चला Iकाफी रात हो चुकी हैI इन्हीं रोमांचकारी यादों के साथ अपनी डायरी समाप्त करती हूँI



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