हकीकत
हकीकत
"सरजी! या तो आप इसे तरीके से काम करने के लिए कहिए, नहीं तो मैं खुद आपकी शिकायत करूंगा, कि शिकायतों के आपके संज्ञान में आने पर भी आप मजदूरों से कुछ नहीं कहते।" एक वरिष्ठ मजदूर ने अपने सुपरवाइजर से शिकायती लहजे में कहा।
"तुम्हें मेरी शिकायत करनी है तो शौक से करो, लेकिन यह बात तुम्हारे लिए जाननी जरूरी है, कि मैं खुद इसे कई बार बोल चुका हूं।"
पास ही खड़े एक मजदूर सहकर्मी ने इन दोनों की बातें सुनकर कहा-
"जिसके बारे में आप लोग बातें कर रहे हैं पहले उसकी पूरी जानकारी तो ले लीजिए।"
" क्या मतलब।" दोनों एक स्वर में बोले।
" मतलब यह कि यह गूंगा-बहरा है, इशारों से ही बात समझता है। इसकी आर्थिक रूप से मदद करने के लिए ही इसे काम पर रखा गया है, यह स्वावलंबी बना रहे इसलिए मैं ही आज इसे यहां लेकर आया हूं, मैनेजर ने कहा पहले से ही देर हो चुकी है, इसलिए लंच ब्रेक में आपको इसके अनुरूप काम देने के लिए कहेंगे।"
दोनों के चेहरे पर आश्चर्य मिश्रित ग्लानि भाव स्पष्ट थे।