सुबह आखँ खुली तो रोड़ के किनारे किसी खंडहर नुमा होटल में ज़मीन पर पड़े हुऐ थे। सुबह आखँ खुली तो रोड़ के किनारे किसी खंडहर नुमा होटल में ज़मीन पर पड़े हुऐ थे।
बजाय दुःशासन, दुर्योधन को रोकने के वे द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति करने लगे। बजाय दुःशासन, दुर्योधन को रोकने के वे द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति करने लगे।
जिंदगी जीने का सलीका कमी ढूढ़ना नहीं, छोटी - छोटी खुशियों मे ख़ुश रहना है ! जिंदगी जीने का सलीका कमी ढूढ़ना नहीं, छोटी - छोटी खुशियों मे ख़ुश रहना है !
छोटा मानना बंद कर दिया और खुलकर जीने लगा और सबके साथ भोजन भी करने लगा। छोटा मानना बंद कर दिया और खुलकर जीने लगा और सबके साथ भोजन भी करने लगा।
कहते हुए उसकी आँखों में आँसू आ गए, शायद उन आँसुओं में उसका गर्व और उसका दर्द दोनों ही छिपे हुए थे। कहते हुए उसकी आँखों में आँसू आ गए, शायद उन आँसुओं में उसका गर्व और उसका दर्द दोन...
आपके आशीर्वाद से मैं आज इस बैंक का मैनेजर हूँ। आपके आशीर्वाद से मैं आज इस बैंक का मैनेजर हूँ।