चीर हरण
चीर हरण


हम सब जानते है कि महाभारत में जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तब भगवान कृष्ण ही एकमेव व्यक्ति थे जिन्होंने द्रौपदी की लाज बचायी थी।सारे पाण्डव,भीष्म और विदुर जैसे लोग भी मौन थे और कौरव विकटता से हँस रहे थे, तब एकमेव भगवान कृष्ण ही थे जिन्होंने उस समय द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति कर उनकी लाज बचायी।
कभी कभी नही, मुझे यह सवाल हर बार सवाल करता है की बजाय दुःशासन और दुर्योधन को रोकने के वे द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति क्यों करने लगे?
दुःशासन को रोकना उनके लिए ज्यादा इजी नही था?
उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा?
ये उनका कैसा मैनेजमेंट था?
Given the same situation अगर आज किसी मैनेजर की पोस्ट के इंटरव्यू में कोई कैंडिडेट यह solution देगा?
क्या उसे वह जॉब मिलेगी?
एच आर स्क्रीनिंग करने वाले कि क्लास नही लेगा?
मुझे लगता है कि आज के एच आर मैनेजर्स को और दूसरे मैनेजर्स को भी पूछना होगा कि वे ऐसी सिचुएशन में क्या करते?दुःशासन को चीरहरण से रोकते या द्रौपदी को साड़ियों की पूर्ति करने लगते?
चलिये, आप ही बताएँ, आप क्या करते?
एक और छोटा सवाल जहन में और आ जाता है।साड़ियाँ कहाँ से आ रही थी?ये सवाल इसलिए भी है कि साड़ियाँ तो वस्तु का एक प्रकार है जिनका आपूर्ति के लिए प्रोडक्शन होना जरूरी होता है।
इसमे भी आप की राय पूछना जरूरी हो जाता है....