Renuka Chugh Middha

Drama

4  

Renuka Chugh Middha

Drama

वोह लड़की

वोह लड़की

1 min
23.5K


सुबह की गुनगुनी धूप में निकल पड़े चारों दोस्त शिमला की हंसी वादियों को देखने। रास्ते में गोल-२ घुमावदारसड़कें, छोटे-२ कहीं बहते झरने जैसे प्राकृतिक में घुल कर झरनों सुन्दरता को चार चाँद लगा रहे थे। सारे रास्तेहंसते-गाते सफ़र में आगे बढ़ते जा रहे थे। सड़कें रुकती थी कहीं -२ तो उसके साथ वो भी थम जाते उन्हीं राहोंपे। गाड़ी साईड पर खड़ी कर साथ ही थोड़ी दूर बने पहाड़ों पर चढ़ प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेते हुए खोजाते ऐसे की जैसे एक खामोश रिश्ता हो इन पहाड़ों से। बहुत अद्धभुत फ़ोटो भी ली अलग-अलग नज़ारों कीजो कहीं मुंबई में देखने को नहीं मिलते। सुबह की गुनगुनी धुप ढलती जा रही थी धीरे-२ और वो चारो अपनीमंज़िल की और, 

दोपहर के दरख़्तो की घनी छॉव के साथ -साथ 

सुरमई शाम में इठलाते हुए, पहले से बुक किये होटल में पहुँचते है। और फ़्रेश हो रात को होटल के डाईनिगंएरिया में जहां नये साल की पार्टी रखी हुई थी वहाँ पहुँचते है।बाहर लान में डीजे चल रहा था सभी डांस फ़्लोरपर नये साल का जश्न मनाने में मशगूल थे। चारों दोस्तों भी डांस फ़्लोर पर आ गये उनमें से एक विशाल ने गानेके लिये माईक लिया और मौसम को और रंगीन बना दिया। 

हैलो .... आप बहुत अच्छा गाते है। विशाल ने पीछे मुड़कर देखा एक ख़ूबसूरत सी लड़की उसकी और हाथबढ़ा कर विश कर रही थी।विशाल बस एकटक देख रहा था तो उस लड़की ने फिर से मुबारकबाद दी। 

सब बाहर लान में बिछी कुर्सियों पर बैठ गये।वोह लड़की बार बार कुर्सी को आगें-पीछे कर रही थी जैसे हीरात के बारह बजे बहुत बैचन हो उठी और अपने रूम में चली गई।पार्टी ख़त्म होने पर सब अपने रूम की और जी रहे थे कि कारिडोर में पहुँचते ही लाईट चली गई।और एक लड़की के रोने की आवाज़ सुन सब डर जाते है।अचानक एक कुर्सी पर उन्हें वहीं लड़की बैठी हुई दिखाई देती है हाथ में मोमबत्ती लिये उन्हें अपने पास बुलाती है जैसे ही पास पहुँचते है कि अचानक बदला उसका भयानक रूप देख सब ज़ोर -२ से चिल्लाते हुऐ बाहर भागते हुऐ होटल के मैनेजर के पास आते हैं और मैनेजर को सारी बात बताते हुऐ बदहवास अर्घ बेहोशी की हालत में वहीं कुर्सी पर बैठी लड़की दिखाने ले जाते हैं तो वहाँ कोई नहीं था बस वहाँ ख़ाली पुरानी कुर्सी की चरमराहट की आवाज़ आ रही थी।मैनेजर कहता है कि जिस तरह की लड़की की आप बात कर रहे हैं वो और मैं दो साल पहले यहाँ से पैर फिसलने से खाई में गिरकर एक साथ मर गये थे।वो और मैं यहाँ होटल की मैनेजर थे। ये सुनते ही चारों दोस्त बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। सुबह आखँ खुली तो रोड़ के किनारे किसी खंडहर नुमा होटल में ज़मीन पर पड़े हुऐ थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama