छुपे राज डायरी के .....
छुपे राज डायरी के .....


मैं हूँ ना, फिक्र नाट, सू का हाथ पकड़ते हुऐ रोहन ने कहा और माल के अन्दर आ गये।
अरे सू कहाँ हो तुम ?
सू सू
कहाँ हो सू ?
कहाँ हो ? सोरी मैं तुम्हारा घ्यान नहीं रख पाया।
मैं माल में तुम्हारा ध्यान नहीं रख पाया। सोरी कहते कहते रोहन की आँखों से आँसू बह रहे थे और बार -२ सू को चिल्ला -२ कर ढूँढ रहा था माल की भीड़ में , अचानक भीड़ का धक्का लगने के कारण रोहन से सू का हाथ छूट गया और वो भीड़ में जाने कहाँ खो गई।माईक पर अनाउंसमैनट करने पर आख़िर सू मिल गई तो रोहन ने उसे कस कर गले लगा लिया और बार-२ सोरी कहनेलगा।
रोहन अब तो मेरा हाथ छोड़ दो कहीं नहीं जा रही हूँ बाहर गार्डन में बहुत देर से बैठे हुए सू ने कहा।
सू पता है रोशनी क्या होती है पता नहीं। लेकिन। अन्धेरा क्या होता है आज बहुत अच्छे से जान लिया।
सू यानी सुज़ैन रोहन&nbs
p;प्यार से सू कहता था।
दोनों आँखों से नहीं देख सकते थे लेकिन पूर्ण रूप से हर काम स्वमँ करने मे सक्षम। डांस क्लास में दोनों की मुलाक़ात हुई थी। बातें मुलाक़ातों में बदलने लगी।
बेहद खुश थे दोनों, अब रियल में भी दो नैगटिव पाजटिव बनने जा रहे है। दो दिव्यांग एक-दूसरे के पूरक सच में अविश्वसनीय लग रहा था सबको। उनको देख कोई नहीं कह सकता था कि कोई कमी है उनमे। क्यूँकि अन्धेरों में भी उजाले बनाने की ग़ज़ब की हिम्मत थी दोनों में।
शायद नज़र लग गई किसी की उनको, लेकिन होनी को कुछ और ही मंज़ूर था। डांस क्लास से आते हुऐ बेरहमी से तेज स्पीड से आती कार ने टक्कर मार कर उसकी जान ले ली और उसकी आँखों में पलते सपनो के जुगनू सदा के लिये बन्द हो गये।
” आई लव अरोमा कैंडलस “
सू अक्सर कहती थी।आज फिर रोहन सू की “ ग्रेव “ पर अरोमा कैंडल जला कर और रैड रोज़ जो सू को बेहद पसंद है , उसे दे। सू की लिखी डायरी से सू को अपनी डांस क्लास और अपने प्यार के क़िस्से पढ़ कर, सुना -सुना कर हँसा रहा था।