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Rajnishree Bedi

Abstract

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Rajnishree Bedi

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हिंदी

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अरे पढ़ लो हर्ष, देखो अंग्रेजी में तुम्हारे कितने कम अंक आए हैं।

जब देखो, बस समय खराब करता रहता है।

पता नहीं कब समझेगा। हम तो गंवार रह गए,हमारे माँ बाप ने हमे समय रहते अंग्रेजी नहीं सिखाई।

अंग्रेजी न सीखने वाले गंवार कब से बन गए माँ, हिन्दी को लेकर ....क्योँ इतनी कुंठा पाल रखी है । देखो मेरे हिंदी में 100 में से 90 अंक आएं है।

हम हिन्दुस्तानी है।हिंदी हमारी मातृभाषा है ।हमारी शान है, हमारा मान है। जब कोई अंग्रेज हिन्दी मे बात करता है,तो कितना गर्व होता है हमें। सब उसे पलट कर देखते है। जबकि टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलने पर हमें बेइज़्ज़ती महसूस होती है।किसी किसी के लिए तनाव का कारण बन जाती है। अच्छा-अच्छा बस कर अब, भाषण देना बंद कर।

मैं मन्दिर हो कर आती हूँ। बस ज़रा बिन्दी लगा लूँ। क्या जरूरत है माँ, बिन्दी को रहने दो।

नही बेटा इसके बिना हर श्रृंगार अधूरा है। अच्छा माँ अब तुम्हे कुछ समझाने की जरूरत नहीं लग रही।'

और आँखों मे चमक लिए दोनों हंसने लगे। और कहने लगे।

सुना माथा बिन बिंदी, हिंदुस्तान बिन हिंदी।


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