हिंदी की दुर्गति
हिंदी की दुर्गति
हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है । जब भी कोई शिशु पहला अक्षर बोलता है तो वह भी हिंदी में ही होता है, जब शिशु कलम चलाता है तब वह भी हिंदी में ही होता है । विज्ञान ने साबित किया है कि जो बच्चे आठ वर्ष तक अपनी मात्र भाषा को अच्छे से सीखते हैं। वो आगे भी अच्छा प्रदर्शन देते है । आज हिंदी की दुर्गति हो रही है । हिंदी को अब अनपढों वाली भाषा समझा जाने लगा है । आज यह एकांकी मैं हिंदी की दुर्गति दिखाने के लिए लिख रहा हूँ।
सूचना : मेरा उद्देश्य किसी भी भाषा का अपमान करना नही है ।
पात्र परिचय
सोनालिका : एक 26 वर्षीय लड़की
रजत : सोनालिका के पिता
सुषमा : सोनालिका की माता
अनिता : साक्षात्कारकर्ता
मोहिनी : साक्षात्कारकर्ता
सुमित: साक्षात्कारकर्ता
अभिषेक : साक्षात्कारदाता
सोनालिका एक 26 वर्षीय लड़की है जो कि अध्यापिका बनना चाहती है और आज उसका साक्षात्कार है ओर वह अब अपने घर मे चर्चा कर रही है
सोनालिका : मुझे विश्वास है कि मेरा चुनाव अवश्य होगा ।
रजत : हा क्यो नही ?
सुषमा : हा वो तो होगा ही मेरी बेटी है ।
सोनालिका : पर एक चिंता है ।
सुषमा : चिंता कैसी ?
सोनालिका : मेरी अंग्रेज़ी कमज़ोर है ।
सुषमा : तो क्या हुआ बेटी ?
सोनालिका : मा ! आज कल हर बात अंग्रेज़ी में होती है ।
सुषमा : तो क्या हुआ ? तू जा तो सही ।
रजत : हा बेटी ! तुझे जाना चाहिए ।
सोनालिका : हा मैं जाती हु ।
तो अब सोनालिका साक्षात्कार देना जाती है और वहाँपर
मोहिनी : व्हाट इज योर नेम?
सोनालिका को समझ नही आया और उसने कहा
सोनालिका : जी कृपा राष्ट्रभाषा हिन्दी मे बात करे ।
अनिता : मतलब आपको अंग्रेज़ी नही आती ।
सोनालिका : जी नही ।
सुमित : थोड़ी बहुत त
ो आती होगी ।
सोनालिका : जी नही ।
सुमित : बिल्कुल भी नही
अनिता : तो आप टीचर कैसे बनेंगी ?
सुमित : अनिता ! हिंदी में बात करो ।
अनिता : हा हा ! तो क्या नाम है आपका ?
सोनालिका : जी मेरा नाम सोनालिका है ।
सुमित : ओर आपको अंग्रेज़ी नही आती ?
सोनालिका : जी नही ।
सुमित : फिर आप अध्यापिका कैसे बनेंगी ?
सोनालिका : जी मतलब ?
अनिता : मतलब आपको अंग्रेज़ी आनी चाहिए ।
सोनालिका : वो क्यो ?
अनिता : क्योकि आज कल हिंदी को कोई भी पूछता नही है ।
सोनालिका : पर मैं हिंदी की अध्यापिका बनना चाहती हु ।
अनिता : देखिए यह बात नही है ।
सोनालिका : फिर क्या बात है ?
सुमित : देखिए ! हमारा स्कूल प्रतिष्ठित है और हम किसी को भी ऐसे नही रख सकते ।
अनिता : जी हाँ ! आप अपनी नोकरी ढूंढ लीजिये ।
सोनालिका : आप मेरी बात तो समझिए ।
अनिता : जी हम कुछ समझना नही चाहते ।
सोनालिका : आप मुझे मौका तो दीजिये ।
अनिता : मोके की कोई बात नही है ।
सोनालिका : फिर आप मुझे नोकरी क्यो नही दे रहे ?
सुमित : आपको अंग्रेज़ी सीखनी होगी ।
सोनालिका : पर मैं हिंदी अच्छी पढ़ाती हु ।
सुमित : आज के समय मे हिंदी का कोई महत्व नही है ।
अनिता : आप जा सकती है ।
अब सोनालिका चली जाती है ओर् तब साक्षात्कारकर्ता बात करते है
अनिता : कैसे लोग थे ये ?
सुमित : हां सही कहा ।
मोहिनी : हां हिंदी जैसी बेकार भाषा मे बात करते हैं।
सुमित : हां हिंदी तो गवारों वाली भाषा है ।
मोहिनी : ऐसे अनपढों को नोकरी देदी तो तो स्कूल का नाम ही डूबा देंगे ।
सुमित : अब दूसरे व्यक्ति को बुलाते है ।
तब दूसरे साक्षात्कारदाता अभिषेक आते हैं