Ravi Ranjan Goswami

Abstract

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Ravi Ranjan Goswami

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गुड़िया

गुड़िया

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एक गुड़िया थी। वह बड़ी हो गयी। उसकी शादी हो गयी और वह अपनी ससुराल चली गयी।

गुड़िया बचपन में जिन गुड्डे गुड़ियों से खेली थी और बड़े होने तक सहेजी थी। गुड़िया की माँ अब उन गुड्डे गुड़ियों को सहेजती है और जतन से रखती है।


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