एक कप कॉफी
एक कप कॉफी
अभी विधी ने ऑफिस का सारा काम खतम ही किया था और अपने घर के लिए निकलने वाली ही थी कि अचानक उसके मोबाइल पर एक मैसेज फ्लेश हुआ।
मैसेज देख कर विधी कुछ देर के लिए सोच मे पड़ गई
उसे समझ नही आया कि क्या जवाब दू।
कुछ देर सोचने के बाद विधी ने ok लिख के सेंड कर दिया
ये मैसेज तरुण का था
कहाँ आना है विधी ने आगे पूछा?
वही जहाँ हम पहली बार मिले थे, तरुण ने आगे लिखा।
तरुण और विधी का तलाक़ होने वाला था दो दिन के बाद मन्डे को उन्हे कोर्ट मे आखिरी बार बुलाया गया था।
विधी अपने ऑफिस से निकल कर एक कैब मे बैठ गई और तरुण की बताई जगह पे जाने लगी।
तरुण और विधी की शादी दो साल पहले हुई थी।
उनकी लव मैरिज थी शादी के बाद कुछ समय लगभग छ महीने तक तो सब ठीक चला पर इसके बाद उन दोनों के बीच हर छोटी बात को लेकर कहा सुनी होने लगी।
तरुण और विधी दोनों ही अच्छी जॉब करते थे और कभी कभी ऑफिस के काम की वजह से विधी को ओवरटाइम भी करना पड़ता, जिससे तरुण की माँ अक्सर ही असहमत होती।
उनका कहना था कि शादी के पहले तक जाॅब ठीक थी पर अब विधी को घर और परिवार के बारे मे सोचना चाहिए
और दो से तीन हो जाना चाहिए पर जिसके लिए विधी और तरुण दोनों ही अभी तैयार नही थे।
काम की व्यस्तता के चलते कभी कभी तरुण विधी को समय ही नही दे पाता।
कभी कभी विधी का घर देर से आना तरुण और विधी के बीच झगड़े का कारण बन जाता।
पूरा दिन ऑफिस मे व्यस्त होने के बाद फिर घर की सारी जिम्मेदारी संभालना विधी को और भी थका देता।
विधी ने जब मेड लगाने के लिए अपनी सास से बात की तो वो और बिगड़ गई बोली घर के फिजूल खर्च न कर खुद ही करने है, साथ मे वो घर के किसी भी काम मे विधी की कोई हेल्प न करती,,,,,, जिससे विधी और भी ज्यादा टेंस रहती।
एक दिन विधी ने तरुण से इस विषय मे बात की पर तरुण भी अपनी मां के बात से सहमत थे,,,,,, तरुण ने भी विधी को जॉब छोड़ने की बात बोली।
जिससे विधी और टूट गई,,,,,, शादी से पहले वही तरुण बिना उसकी आवाज सुने सोता नही था और सुबह दिन की शुरुआत भी उसके आवाज से होती पर अब क्या हो गया।
एक टाइम था,,,,,,,,जब तरुण विधी के काम के प्रति पैसोनेट और उसके बेबाकी अंदाज का फैन हुआ करता था आज उसे विधी की हर बात गलत लगती।
बात तो एक दिन और बढ़ गई जब तरुण ने विधी पे हाथ उठा दिया,,,,,, वही से विधी के आत्म सम्मान को गहरी चोट पहुची और उसने इस सब से दुःखी होकर कुछ दिनों के लिए अपने घर जाना ही सही समझा
जिससे कुछ स्पेस मिल सके दोनों मे।
पर कुछ टाइम के बाद ही विधी के पास एक डेवोर्स का पेपर आ गया जिससे विधी और टूट गई।
तब से ही अब तरुण और विधी की जब भी मुलाकात होती तो कोर्ट में।
न तो तरुण ने विधी से कोई बात की पहल की और न ही विधी ने।
पर अब कुछ दिनों से तरुण का मैसेज विधी के पास आता।
जिसके चलते विधी ने आज तरुण से मिलने का फैसला किया था।
अभी वो पुरानी बातों मे ही खोई थी कि रेस्टोरेंट आ गया
विधी कैब से उतर धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी,,,,,,, सब कुछ वही था वैसा का वैसा ही जैसा पहली बार तरुण और विधी मिलने आये थे,,,,,,, पहली बार इसी रेस्टोरेंट के कॉफी शॉप मे तरुण ने विधी को अपने प्यार का इजहार किया था
यही तो विधी और तरुण ने अपना जीवन एक साथ बिताने का फैसला लिया था।
पर आज सब कुछ तो वही है पर उसका जीवन बदल चुका है।
वो अपनी ही दुनियाँ मे खोयी आगे बढ़ती जा रही थी कि तभी सामने टेबल पे देख कर दंग रह गई।
सामने टेबल के पास तरुण के अलावा उसके घर वाले और विधी के घर वाले भी मौजूद थे।
तरुण हाथ मे गुलाब लिए घुटनों के बल बैठ गया और गुलाब विधी की तरफ आगे बढ़ाते हुए बोला
"क्या तुम मेरे साथ जीवन की एक नई शुरुआत करोगी "
जिसमे हम दोनों आपसी समझ से हर परेशानी को खतम करेगे और,,,,,,तुम्हे खुद के लिए डिसीजंन लेने का पूरा अधिकार होगा।
तरुण की बात सुन विधी नम आँखों से वो फूल ले लेती है
तरुण विधी की फेवरेट कॉफी ऑर्डर करता है
उस कॉफी की मिठास और स्वाद मे एक बार फिर से उनके जीवन मे मिठास भर गई।
