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Divya Pal

Inspirational

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आस्तिक vs नास्तिक

आस्तिक vs नास्तिक

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एक बार एक गरीब महिला मंदिर के किनारे बैठ भीख मांग रही थी।


"बाबूजी कुछ मदद कर दो.... बच्चा दो दिन से भूखा है"अपने दुधमुहे बच्चे को लेकर सभी से गुहार लगा रही ।पर शायद उसको आवाज किसी के कानो तक नही पहुंच रही थी ।


"हे भोलेनाथ आप तो सब जानते हो कोई पाप किए होगे पिछले जन्म में जो इतने कष्ट भोग रही हूं "।

कुछ तो मदद कर दो बच्चा भूखा है साहब "।


कुछ देर बाद उठ कर पानी को एक छोटी बोतल में भर के अपने बच्चे को दो घुट पीला देती है । 


"दो पैसे देदो साहब बच्चे के लिए दूध खरीद लूंगी ।"


कुछ देर बाद वो मंदिर से थोड़ा आगे बढ़कर एक के बाद एक आते जाते लोगों से भीख मांगने लगी । 

तभी एक 30 वर्ष का युवक अपनी कार से निकला और महिला को अपने पास आने को बोला ।

 महिला उस व्यक्ति के पास गई और बोली, " साहब कुछ पैसे देदो बच्चा दो दिन से भूखा है "


उस युवक ने उसे एक पास के छोटे से होटल के पास गया और दूध खरीद कर उस गरीब महिला को देते हुए बोला 

ये लो तुम्हारे बच्चे के लिए और तुम्हारे लिए भी खाना बोल दिया है तो खा लेना । 


"भगवान आपका भला करे साहब! " 


महिला की बात सुन युवक बोला "मैं भगवान को नहीं मानता" मैं एक नास्तिक हूं और हमेशा खुद पे भरोसा करता हू ।

और भगवान जैसा कुछ नही होता सब अंधविश्वास है!" 


महिला उसकी बात सुन कुछ न बोली चुप चाप अपने बच्चे को दूध पिलाती रही ।

युवक फिर से बोला आज सावन का सोमवार है ।और मैं देख रहा था तुम मंदिर की सीढ़ियों पे बैठी अपने बच्चे के लिए भीख मांग रही थी । सब अपने हाथो में दूध का लोटा लेकर जा रहे है उस मंदिर में चढ़ाने । उस पत्थर पे चढ़ाने के लिए उनके पास दूध था पर उन्ही आस्तिक के पास तुम्हारे बच्चे को देने के लिए दूध नहीं था । और जिसपे तुम भरोसा करती हो जिसके नाम पे भीख मांगती हो वो क्या मदद करते है तुम्हारी ।


युवक की बात सुन गरीब महिला धीरे से बोली "साहब...


" मैने भगवान से मदद मांगी थी। मेरा बच्चा दो दिन से भूखा है तो भगवान से अपने बच्चे के लिए दूध मांगा थाऔर देखो न साहब भगवान आपके रूप में खुद आके हमारी मदद की ।"


"अच्छा! मैने बोला मैं एक नास्तिक हूं भगवान में मेरा कोई विश्वास नहीं है । फिर कैसे भगवान ने तुम्हारी मदद की?"


महिला बोली ' "साहब, अगर आप नास्तिक न होते तो आप भी सभी की तरह दूध लेकर शिव जी पर चढ़ाते न कि मेरे बच्चे को पीने को देते क्युकी भगवान पे चढ़ाने से आपको ज्यादा अच्छा फल मिलता!! आपके नास्तिक होने की वजह और एक कोमल ह्रदय के कारण आज मेरे बच्चे की भूख मिटी हैतो अब आप ही बताए इसे मैं ईश्वर की मर्जी न मानू तो क्या मानू। आप मेरे लिए आप मेरे भोले नाथ के भेजे हुए दूत है जो मेरी मदद को आए है ।"


महिला की बात सुन युवक कुछ न बोल सका आज उसे अपने नास्तिक होने पर भी आस्तिकता नजर आ रही थी।


ये एक छोटी सी कहानी एक काल्पनिक कहानी है पर इसमें एक आस्तिक और नास्तिक के बीच की समझ को समझने की कोशिश की है 

कृपया अपनी समीक्षा से अपने विचार अवश्य बताए 






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