STORYMIRROR

Divya Pal

Children Stories

4  

Divya Pal

Children Stories

प्यारी डायन

प्यारी डायन

3 mins
11

जैसे ही बापू नई माँ कौ घर लेकर आए तो रूही दूसरे कमरे मे जाकर छिप गई। 


स्कूल में दोस्तो ने बताया था कि दूसरी माँ अच्छी नही होती वो पापा को भी अपने वश मे कर लेती है और अपने बच्चों से ही प्यार करती है , और पहली माँ के बच्चों को मारती, है और घर का सारा काम भी कराती है स्कूल भी न जाने देती है और खाना भी नही देती, वो एक डरावनी डायन होती है जिसके बड़े बड़े नाखून होते है। 


अब तो पिता जी भी नई माँ लेकर आ गये है अब तो ये अपने बड़े बड़े नाखून से मुझे मार ही देगी, रूही के बाल मन मे ढेर सारी बातें चल रही थी जो उसके दोस्तो ने उसे सौतेली माँ के बारे मे बताया था। 


रूही ज्यादा तर अपने रूम मे ही रहती । स्कूल से घर आकर सीधा अपने कमरे मे ही चली जाती । ऐसा नही था की उसकी नई माँ आरती ने उसके पास जाने की कोशिश नही की , पर रूही खुद ही डर की वजह से दूर ही रहती। 

वो अक्सर ही अपनी माँ की फोटो से ही बात किया करती थी। 


एक दिन रूही के पापा रूही के पास गए और बड़े प्यार से पूछा, क्या बात है बेटा क्या तुम्हें अपनी नई माँ अच्छी नही लगती तो रूही एक बार तो रोने को हुई पर उसे तुरंत ही अपने क्लास फ्रेंड की बात याद आ गई की सौतेली माँ हमारे पापा को भी अपने वश मे कर लेती है। 

तो वह तुरंत ही चुप हो गई,, "कही ऐसा न हो नई माँ को सब पता चल जाए और फिर कही उसने मुझे मार दिया तो"। नही,, नही,,,, रूही एक दम से डर के चौक जाती है। 


नही पापा सब ठीक है,,,,, रूही ने अपने पापा को झूठ बोल दिया। 


कुछ दिनों के बाद रूही को पता चला कि नई माँ खुद माँ बनने वाली है तो उसके मन मे अब डर और भी ज्यादा आने लगा कि अब सौतेली माँ मुझसे सारा काम करायेगी । 

जबकि आरती उसका हमेशा ही ख्याल रखती फिर भी अभी बाल मन उसे स्वीकार नही पाया था। 


एक दिन आरती रूही के कमरे मे आती है तो उसे रोते हुए अपनी माँ की तस्वीर से बात करती हुई पाती है। तो वही चुपचाप दरवाजे के पास खड़ी होकर रूही की बात सुनने लगती है । 


मम्मा,, मुझे कोई नया भाई नही चाहिए ,, बस आप वापस आ जाओ ना,,,, मुझे आपके बिना बिल्कुल भी अच्छा नही लगता है,, प्रोमिस अब कभी नये बेबी की जिद नही करुगी। 


रूही की बात सुन आरती को बहुत दुःख होता है। 


एक दिन रूही के पिता जी तीन चार दिनों के लिए शहर से बाहर गए हुए थे तो रूही स्कूल से आकर फिर से अपनी दोस्त के घर चली जाती है उसे डर था कही नई माँ डायन बन गई और उसे मार दिया तो। 

डर की वजह से उसे तेज बुखार भी हो गया,,, अब डर मे वो बेहोशी की हालत मे बार बार अपनी माँ को याद किये जा रही थी,,,, और आरती को अपनी माँ समझ खुश थी कि उसकी माँ वापस आ गई। 


पूरे चौबीस घंटे के बाद जब रूही को होश आता है तो आरती को अपने सिरहाने बैठा पाती है,,,,, वो समझ जाती है कि मेरे साथ मेरी मम्मा नही बल्कि उसकी सौतेली माँ थी। 

रूही तुरंत बोल उठी "आप तो डरवानी डायन नही हो,,,,, आप तो बहुत प्यारी डायन हो।" 


बाल मन की बात सुन आरती खुशी मे रो पड़ती है और कहती है तो अब प्यारी डायन को मम्मा बना लो। 


हा,,, मम्मा,,,,और गॉड ने मुझे मेरी मम्मा के बदले नई मम्मा के साथ प्यारा सा भाई भी दे रहे है। 


दोनों माँ बेटी खुशी से गले जाते है। 



Rate this content
Log in