एक ही बार जीते हैं तो दो बार क्यों सोचना? Prompt 13
एक ही बार जीते हैं तो दो बार क्यों सोचना? Prompt 13
नितेश ने मुझे फ़ोन करके बताया, " अर्पित ,कैंसर से लड़ते-लड़ते आखिरकार वह हार ही गयी। कल उनके घर जा रहे हैं। क्या तुम भी कल आओगे?"
मैं अभी कुछ दिन पहले ही तो उनसे मिलकर आया था।उनकी कीमोथेरेपी के कारण उनके सुन्दर बालों ने उनका साथ छोड़ दिया था।मुझे देखते ही वह मुस्कुराकर बोली थी, "मेरा बिस्तर मुझसे नाराज़ था क्यूंकि उसे मैंने बहुत कम वक़्त दिया था।तो अब बिस्तर को भी थोड़ा वक़्त दे रही हूँ।"
तब मैंने भी उनकी बात से सहमति जताते हुए कहा, "जानता हूँ आपकी बैटरी डिस्चार्ज ही कहाँ होती है? अब तो बिस्तर पर पड़े-पड़े ऊब जाती होंगी।"
उन्होंने कहा, "अरे नहीं, कहानियां और कवितायेँ लिख रही हूँ।सोच रही हूँ मराठी भी सीख लूँ।"
फिर ज़ोर-ज़ोर से हँसते हुए बोली, "तुमने मेरे बालों के लिए तो पूछा ही नहीं।"
मैंने जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश की और कहा, "कीमोथेरेपी के दौरान यह सामान्य बात है।"
"अब मेरे पास 8-10 प्रकार के विग हैं।पहले तो एक ही प्रकार के बाल बनाओ और अब तो तरह-तरह की हेयर स्टाइलिंग कर लेती हूँ।" उन्होंने अपनी अलमारी की तरफ इशारा करते हुए विग्स दिखाते हुए कहा।
मैं फिर लौट आया था।उन्होंने मुझे विदा करते हुए कहा, "आज तो बिस्तर से दोस्ती निभा रही हूँ, अगली बार आओगे तो तुम्हारा पसंदीदा केक बेक करके खिलाऊंगी।"
आज मुझे उनकी ज़िन्दगी को विदा कर देने की खबर मिली।
मेरे सामने अपनी ट्रेनिंग के दिन एक फिल्म की भाँति रील दर रील आ गए थे। वह ट्रेनिंग में आयी सभी लड़कियों में सबसे अधिक उम्र की थी, लेकिन बहुत ही खुशमिज़ाज़ और ज़िंदादिल थी। ज़िन्दगी जीना तो कोई उनसे सीखे। ट्रेनिंग के दौरान होने वाली हर एक्टिविटी में वह बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती थी। भगवान ने जाने उनमें कौनसी बैटरी डाली थी, जो कभी डिस्चार्ज ही नहीं होती थी।
शादी शुदा थी; तो उनकी ज़िन्दगी भी परियों की कहानी जैसी तो नहीं होगी ;लेकिन फिर भी हमेशा मुस्कुराती रहती थी। उनसे मैंने एक बार पूछा भी था कि, " आप कभी परेशान नहीं होती क्या? मैंने आपको हमेशा मुस्कुराते ही देखा है। " उन्होंने कहा, "देखो अर्पित समस्याएं सभी की ज़िन्दगी में होती हैं। लेकिन समस्याएं ज़िन्दगी से बड़ी नहीं हैं। समस्याओं के बारे में सोचकर परेशान होने से वह सुलझेंगी तो नहीं। मुस्कुराने से मिलने वाली सकारात्मकता आपको उन्हें सुलझाने में मदद करेंगी। पहले मैंने मुस्कुराने की प्रैक्टिस शरू की चाहे कुछ भी हो हमेशा फेक स्माइल रखती थी। अब मुस्कुराने की आदत हो गयी है।हमेशा मुस्कुराते रहना उतना भी मुश्किल नहीं है। "
ट्रेनिंग के दौरान जब हम ऋषिकेश गए तो रिवर राफ्टिंग के दौरान वहीं अकेली लड़की थी शुरू से लेकर अंत तक पैडल मारती रही थीं। इतना ही नहीं उनको तैरना नहीं आता था, उसके बावजूद भी लाइफ जैकेट पहनकर शायद 30-40 फ़ीट की एक क्लिफ से नदी में छलांग भी लगा दी थी। मैंने उनसे पूछा "आपको डर नहीं लगा?"
वह हँसते हुए कहने लगी, "अर्पित, डर के आगे ही जीत है। डर लगा न ;क्यों नहीं लगेगा। लेकिन यह अनुभव भी तो इस ज़िन्दगी में ही प्राप्त करना था मुझे। ज़िन्दगी दोबारा नहीं मिलने वाली, कम से कम ये ज़िन्दगी तो नहीं। हम एक ही बार जीते हैं तो दो बार क्यों सोचना?"
उसके बाद ट्रेनिंग के दौरान जब धर्मशाला गए तो उन्होंने भी पैराग्लाइडिंग का आंनद लिया। जब हम लौट रहे थे तो रास्ते में उनसे एक लड़की ने पूछा, "क्या पैराग्लाइडिंग सेफ है? "उन्होंने जवाब दिया, "सेफ तो रास्ते पर चलना भी नहीं है। लेकिन यह अनुभव तुम पूरी ज़िन्दगी नहीं भूलने वाली हो। इस अनुभव को लेते हुए अगर मेरी जान भी चली जाती तो, कोई गिला नहीं था। "
उन्हें नयी-नयी चीज़ें सीखने का भी शौक था। हमारे तमिल बैच मैट्स से तमिल बोलना सीखने की कोशिश करती थीं। उन्होंने गिटार सीखना भी शुरू किया था। कुल मिलाकर उनकी ज़िन्दगी और जीने का तरीका वाकई में एक मिसाल था। आज जब वो हमारे बीच नहीं हैं, तब भी उनका यह फलसफा हमेशा मुझे प्रेरित करेगा, "ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा।" उन्होंने इस फलसफे को जिया था, इसलिए उनके जाने के बाद उनकी याद में मैंने एक आंसू भी नहीं गिराया।
