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Harish Sharma

Romance

4  

Harish Sharma

Romance

दिल मांगे मोर

दिल मांगे मोर

4 mins
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रवि ने फुर्सत मिलते ही नीना को मैसेज किया ।

"फ़्री हो तो काल करुं?"

ये इमोजी भी क्या कमाल चीज बनाई हैै,जब बहुत कुछ हो कहने को और  शब्द कम पड़ रहे हो तो इनसे बात बन जाती। है । मतलब चैट बिना इमोजी के हो तो लगता है  कुछ रूठ गया है । रवि ने भी स्माइली के  इमोजी अपने सवाल मेंं जोड़ के  पूूछा था ।

नीना की मैसेज। टोन ने उसे  जावा में प्रोग्राम। बनाने के बाद की ऊब से जैसे जगाया । वो भी जैसे रवि की बातों को याद करके रिलेक्स हो रही थी और उसके चेहरे पर रह रह कर मुस्कुराहट छा जाती । साथ बैठी उसकी कुलीग ने जब उसे अकेले मुस्कुराते हुए देखा तो पूछा था,"किसकी याद में डूबी हो,स्वीटी??"

"अरे बस ,ऐसे ही घर की बात याद आ गई थी?"

"अच्छा,वाकई..चलो ठीक है,मत बताओ पर मुस्कुराते हुए तुम मोना लीसा बन जाती हो । हाय... प्यार में डूबे हुए लोग कितने हसीन लगते हैं...।"कुलीग ने छेड़ा ।

"अच्छा ठीक है यार,तुम भी डूब जाओ,वरना ये प्रोग्रामिंग तो दिमाग का दही करने के लिए ही है ।"

नीना इस बड़ी टेलीकॉम कम्पनी के बड़े से हाल में बैठी जैसे मुस्कुराहट का एक कोलाज बनाना चाहती थी ।

उसने झट से मैसेज चैक किया,जैसे वो रवि के मैसेज को लेकर पूरी आश्वस्त थी । और देखो रवि का ही मैसेज था । उसका दिल धड़का और वो मैसेज पढ़कर एक केबिन में चली गई । मैसेज टाइप नही किया ,उसने सीधा काल ही कर दिया ।

"इतनी बेसब्री...क्या बात है यार...औऱ सुनाओ कैसी हो?"

रवि ने काल रिसीव करते ही पूछा । उसका दिल जैसे जोर से धड़का था नीना की काल देखकर ।

"अच्छा,बेसब्री.....तुम्हे नही है?....अपनी बताओ ।"

"यार सुबह से अब फुर्सत मिली है,दिमाग मे हर वक्त रहती हो,बस जब भी मौका मिलता है,तुम्हे मैसेज करता हूँ । ये होती है बेसब्री...।"

"ओहो....ऐसा क्या....तो अब तो ड्यूटी ऑफ है न ?"

"हाँ, ड्यूटी ऑफ है पर अभी एक फंक्शन में जाना है,कम्पनी की तरफ से नए आउटलेट की ओपनिंग है । "

"कितने बजे जाना है?"

"अभी आधा घण्टा है,तुम फिक्र मत करो।"

"अच्छा....तो तैयार नही होना तुम्हे??"

"लो मुझे कौन सा साड़ी बांधनी या में मेक अप करना?"

"अरे तो खुद को शीशे में देखोगे तो सही कि कैसे लग रहा हूँ?"

"अच्छा,मुझे ज्यादा शीशा देखने की अब जरूरत नही पड़ती?"

"वो क्यों .....?"

"यार जब तुम जैसी खूबसूरत लड़की को सुंदर लगता हूँ तो मतलब हूँ,अब उसमें कोई शक करने वाली बात ही नही । ...है कि नही....?"

"हाय.... ये जो बातों की चाशनी बनाते हो न ,बस लूट लेते हो,अच्छा फिर भी अच्छी तरह संवर कर जाना । मेरे लिए तो तुम हमेशा खूबसूरत ही रहोगे ।" नीना ने आह सी भरकर कहा ।

"ओह माय..... पता है तुम्हारी याद में खोया रहता हूँ इसलिए खूबसूरती अपने आप चेहरे पर बनी रहती है,जब भी शीशे में खुद की शक्ल देखता हूँ,तुम्हारा चेहरा ही याद आता है,जैसे तुम मुझे देख रही हो ।"रवि ने जैसे दिल के जज्बातों को जस का तस रख दिया हो ।

"अब देखो तुम इमोशनल मत करो,वरना कह दूंगी कि शाम की फ्लाइट से बैंगलोर आ जाओ ।"

"अच्छा ,....हाय ये दूरियां और ये काम ,मुहब्बत की वाट लगा रखी यार । मेरा तो अभी दिल कर रहा है कि तुम्हारे पास अभी प्रकट हो जाओ ।"

"अब देवता तो हो नहीं,कि ये आसान होता । रियल्टी ये है कि अभी तो बस ठंडी सांस लो और किसी वीकेंड पर मुलाकात की दुआ करो । वैसे अगले हफ्ते शायद मुझे दिल्ली आना पड़े । तुम बस दुआ करो कि ये प्रोग्राम कैंसिल न हो । "

"अच्छा ,यार मैं तो तुमसे मिलने की दुआ रोज करता हूँ । पर वक्त है कि चैट और वीडियो कॉल से ही हसरत पूरी करवाने का भरम दे जाता है । तुम्हारा हाल भी सर्दियों की धूप जैसा है,जरा सी दिखती है और फिर बादल छा जाते हैं । बची रहती है बस यादों की कंपकपी और ठिठुरन । "

"कंटेंट राइटिंग करते हो कम्पनी की ऐड के लिए,और ये जज्बात तुम्हे बना दे देते है किसी अंग्रेजी लव स्टोरी का राइटर । तुम ऐसा करो ,एकाध बुक लिख ही डालो ।"

"वैसे बात तो सही है । कई बार लगता है कि गलत प्रोफेशन में हूँ । इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया...हा हा ।" रवि ने जैसे बात को टाल दिया हो ।

"अच्छा,तो अब बीस मिनट हो गए ,मेरा भी ब्रेक खत्म,खडूस बॉस है,अभी रिपोर्ट मांगने लगेगा । तुमसे तो मैं सारा दिन बाते करुं, तब भी जी न भरे । अब बस जल्दी मिलो और दोबारा हम दोनों कुछ दिन साथ रह पाएं । लव यू ।"

"हाँ यार,जरूर मिलेंगे, अच्छा तुम कर लो काम ,लव यू टू।"

"लव यू मोर।"

"लव यू इनफिनिटी..।"

"ये दिल मांगे मोर..."।

और ऐसे ही बोलते कहते दोनों ने एक अधूरी सी बाय कह दी । 


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