धूर्त
धूर्त
"यहां प्रतियोगिताओं के परिणाम में बहुत धोखाधड़ी होती है, पिछली बार भी जिसे प्रथम पुरस्कार मिलना था, उसे तृतीय पुरस्कार लेकर ही संतुष्ट होना पड़ा, फिर क्या सोचा है तुमने"?आशा ने पूनम से पूछा। "किस बारे में",
"यही कि तुम प्रतियोगिता में भाग ले रही हो या नहीं"।
"हां लूंगी, जरूर लूंगी"।
"तुम्हें सच से अवगत कराने के बाद भी"।
"सच क्या है, वह तो मैं अच्छी तरह से समझ चुकी हूं आशा"।
पूनम का जवाब सुन, आशा झेंप गई, क्योंकि पूनम उसकी जीत में सबसे बड़ा रोड़ा थी, अतः उसे अपने मार्ग से हटाने के लिए आशा ने जो जाल फेंका था , पूनम उसमेँ फंसी नहीं, क्योंकि वह आशा की चाल भलीभांति समझ चुकी थी।