STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Abstract

3  

Shailaja Bhattad

Abstract

देव दूत

देव दूत

1 min
126

" रोहन ! तुम मोहित भैय्या की कितनी मदद करते हो, उनसे कहते क्यों नहीं, कि आप अब अपना देखो, मेरा भी घर परिवार है, मैं जिंदगी भर आपका घर बार नहीं संभाल सकता।"  

 रोहन बचपन से होनहार व समझदार था 'पूत के पाँव पालने में' चरितार्थ करने वाला, लेकिन मोहित ठीक इसके विपरीत।

जवाब में रोहन ने अपने मित्र से बस इतना कहा- 

"मुझे लगता है भगवान ने मुझे मोहित भैय्या का छोटा भाई इसलिए बनाकर भेजा है, क्योंकि उन्हें विश्वास था मैं उनकी कमजोरी को ढक लूँगा, उनका ताउम्र सहारा बनकर, कभी-भी उन्हें किसी और के सामने हाथ फैलाने की नौबत नहीं आने दूँगा।

मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो भगवान ने इसके लिए मुझे चुना।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract