छल
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"सर, कपड़े सुखाने के तार बदल दिये गये हैं।" अपार्टमेंट के मैनेजर विकास ने मैनेजमेंट कमेटी को हर रविवार होने वाली मीटिंग में सूचित किया। "चलो अच्छा हुआ! अब रहवासियों की शिकायतें बंद हो जाएँगी।" एक सदस्य ने मैनेजर द्वारा सौंपे गए बिल को देखते हुए कहा। "सही है, नहीं तो रोज किसी-न-किसी की शिकायत का फोन आ ही जाता था कि, "हमारे कपड़े जंग लगे हुए तार के कारण खराब हो रहे हैं। अब शांति!" कमेटी के एक सदस्य ने फोन रखते हुए मैनेजर विकास से पूछा- "क्या वाकई में तुमने तार बदले हैं? या उन्हीं जंग लगे टूटे तारों को वापस लगवा दिया है?" "ऐसा क्यों पूछ रहे हो?' दूसरे सदस्य ने पूछा। "अभी-अभी एक रहवासी ने फोन पर यही कहा है और साथ में मेल पर उन्होंने सबूत के तौर पर सारे फोटो भेजे हैं।" "फिर विकास तुमने हमसे नई तार के लिए जो पैसे लिए थे; उनका क्या किया? और ये बिल? फेक है न?" "सर... वो... अभी मैं नए तार लाकर लगवा देता हूँ।" "एक मिनट, किसी दूसरे रहवासी ने एक और मेल भेजा है।" "क्या लिखा है?" "लिखा है, कि विकास ने उन्हें स्वयं वायर खरीदकर लाने के लिए कहा था।" "क्या?" "हाँ, और जब उन्होंने पूछा- 'कितने मीटर?' तो विकास ने सौ मीटर कहा।" "यानी हमने जो सौ मीटर वायर के पैसे दिए थे वो...।" "सर, आगे से ऐसा नहीं होगा।" विकास ने ग्लानि भाव से गिड़गिड़ाते हुए प्रार्थना की। "आगे से! यह तो धोखा है, रहवासियों के साथ, अब तो सारे रहवासी मिलकर ही निर्णय लेंगे।" "सर, मैं सच में कहता हूँ, आगे से ऐसा नहीं होगा।" "इस अपार्टमेंट में भ्रष्टाचार की कोई भी गुंजाइश नहीं है विकास।" "जी सर।" "हमने तुम्हें पहले से ही आगाह कर दिया था। फिर भी तुमने...!" "विकास के बारे में पहले भी शिकायत आई थी।" "कैसी शिकायत?" "यही कि यह, यहाँ के रहवासियों के बारे में झूठ फैलाता है।" ओह! अब तो इसने कोई गुंजाइश छोड़ी ही नहीं।" "बिलकुल!" ======
