STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Abstract Inspirational

4.1  

Shailaja Bhattad

Abstract Inspirational

अहसास

अहसास

1 min
37

"भैया आप कुमारी अम्मा को एक मोबाइल क्यों नहीं दिला देते हैं?" "सोचा तो था, लेकिन...।" "भैया, आप समझ नहीं रहे हैं हमें काफी परेशानी होती है। कभी अम्मा काम पर देरी से आती हैं, कभी हमें किसी जरूरी काम से बाहर जाना होता है; इस स्थिति में न तो हम अम्मा को सूचित कर पाते हैं और ना ही अम्मा हमें। आपको भी फोन नहीं लगा सकते क्योंकि न आप घर पर होते हो और न अम्मा, फिर आप ही बताइए हम अम्मा को कैसे सूचित करें?" समस्या का हल बताइए अगर आप उन्हें मोबाइल नहीं दिला पा रहे हैं तो।" "नहीं बहन जी, ऐसी बात नहीं है लेकिन उन्हें मोबाइल पकड़ना तक नहीं आता।" "भैया एक बार दिला तो दीजिए, पकड़ना तो क्या वो चलाना भी सीख जाएँगी। आपको भी बचपन में चलना, बोलना नहीं आता था न? सभी कुछ अम्मा ने ही सिखाया है न? वैसे ही आप भी उन्हें सिखा दीजिए और नहीं तो हम तो हैं ही।"
 भैया को कुमारी अम्मा को मुस्कुराते हुए देखने पर सीमा ने कहा- "भैया आपकी मुस्कुराहट बता रही है, कि कल अम्मा काम पर मोबाइल के साथ ही आएगी।"
 "जी! बहन जी, आपने बिल्कुल सही कहा।"


############

29/10/2025- बुधवार राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र में प्रकाशित


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract