Vijaykant Verma

Abstract

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Vijaykant Verma

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डियर डायरी

डियर डायरी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, कि दिल्ली वाले भी अपने हैं हरियाणा वाले भी अपने हैं फिर बॉर्डर सील करने का क्या अर्थ है जब तक पूरा देश एक यूनिट के हिसाब से नहीं सोचेगा  तब तक कोरोना खत्म होने वाला नहीं है। क्योंकि कोरोना दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है तो आप कब तक बॉर्डर को सील रखोगे..? आप जिस दिन बॉर्डर को खोलोगे, उस दिन कोरोना तेजी से फैलेगा।

उन्होंने यह बात बिल्कुल सही है, कि दिल्ली अलग होकर कोरोना से बच नहीं सकती। दिल्ली वालों को हरियाणा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बारे में भी सोचना चाहिए। सच्चाई यही है, कि जब देश पूरा एक है तब देश में किसी सीमा को सील करने का कोई सवाल नहीं उठता। आज हजारों मजदूर जो पैदल चलकर या गुप् चुप कर एक स्टेट से दूसरे स्टेट को जा रहे हैं, तो इसके पीछे मुख्य कारण यही है कि सरकारों ने बंदिश लगा रखी है एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाने की।

सरकार की इसी बंदिश का परिणाम है, कि आज ही मुंबई से लखनऊ आने वाले एक कंटेनर में लखनऊ आते हुए 18 लोग पकड़े गए। सोचने वाली बात यह है, कि इतना लंबा सफर और इतनी तकलीफ से यह मजदूर लोग किस तरह आ रहे हैं और क्यों आ रहे हैं, जबकि सरकार का वादा है, कि वह एक एक मजदूर को उसके घर तक पहुंचाएगी उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था करेगी और उनकी आर्थिक मदद भी करेगी..! इस प्रश्न का जवाब सरकार को ही सोचना है सरकारी अधिकारियों को सोचना है और इसका हल भी निकालना है..! 

लेकिन इस सत्य सर सरकारें इनकार नहीं कर सकती, कि अगर उनकी तरफ से सारी व्यवस्था होने, और उन्हें सारी सुविधाएं देने के बावजूद ये मजदूर लोग मर मर कर अपने घर लौटने को मजबूर हैं तो सीधा सा अर्थ यही है कि उनकी सारी उनकी नीतियां पूरी तरह से फेल है..!

मजदूर भी मौत की राह में खड़ा है तुम्हारी मदद की खातिर !

डर है तुम्हारी मदद से पहले ही उसकी जान न निकल जाए !


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