डियर डायरी
डियर डायरी


लॉकडाउन में आप घर में है। आपको उलझन हो रही है। लेकिन यह क्या कम खुशी की बात है, कि आप कोरोना से बचे हुए हैं ? जरा सोचिए, कि आप लॉकडाउन में न होते। बाजार में होते। सैर सपाटा करते। पिक्चर देखते। माल में घूमते। बर्गर, पिज्जा खाते। और कोरोना से ग्रस्त होकर दस दिन बाद इस दुनिया से कूँच कर जाते। फिर मरने से पहले बोलते-" काश मैंने लॉकडाउन का पालन किया होता, तो आज यूँ बेमौत न मरता..!"
तो दोस्तों, शुक्र मनाइए कि ऊपर जो कुछ भी मैंने लिखा है, वो सब झूठ है। उसमें कुछ भी सच नहीं है। क्योंकि आप तो सही सलामत है। तंदुरुस्त है। अपने घर में है। अपने परिवार में है। मुस्कुराते हुए। बच्चों से प्यार से बातें करते हुए। क्या आपको लगता नहीं, कि घर में भी कितना सुकून है..? और ये जिंदगी कितनी हसीन है..? दोस्तों, मेरी दुआ है कि ऊपर मैंने जो कुछ भी लिखा है, वो हमेशा झूठ ही रहे। और यह झूठ कभी सच न हो हो। लेकिन यह मुमकिन तभी है, जब आप घर में ही रहेंगे, जब तक यह देश कोरोना से मुक्त नहीं हो जाता।
जब तक इस बात की पूरी तसल्ली नहीं हो जाती, कि आप घर से बाहर तंदुरुस्त होकर निकलेंगे और लौटने पर कोरोनाग्रस्त होकर नहीं आएंगे। दोस्तों, कुछ लोगों को अपनी जिंदगी प्यारी नहीं होती है। बहुत गम होता है उनकी जिंदगी में। और वह वो सोचते हैं, कि आती है अगर मौत तो आने दो ! वैसे भी इस जीवन में क्या रखा है..! कौन सी बहुत सारी खुशियां है..? ग़म और आंसू ही तो हैं यहाँ..! लेकिन दोस्तों, यह जिंदगी ऊपर वाले की देन है। फिर आप इस जिंदगी को कैसे मिटा सकते हैं..? आप ऊपर वाले की अमानत हैं। तो अमानत मैं खयानत कैसे कर सकते हैं..? आपको अपने जिस्म को खत्म करने की इजाजत नहीं है। आपको इसे संभाल कर रखना होगा।
बचा के रखना होगा। अपने घर परिवार के लिए। अपने बच्चों के प्यार के लिए। और उस परमपिता परमेश्वर के कर्ज को अदा करने के लिए..! और क्या आपको ये मालुम है, कि उस परमपिता परमेश्वर का कर्ज आप किस तरह अदा कर सकते हैं..? उस परमपिता परमेश्वर के कर्ज को आप अदा कर सकते हैं, किसी की जिंदगी को बचाकर और खुद अपनी जिंदगी की सुरक्षा कर..! क्योंकि आपकी जिंदगी सिर्फ आपकी नहीं है, बल्कि आपकी जिंदगी के तार आपके घर, परिवार, रिश्ते, नातों से भी जुड़े हैं। इसलिए कभी खुद पर अत्याचार न करें।
और इस बात को हमेशा अपने दिमाग में रखें, कि आपकी खुशी से ही आपके पूरे परिवार की खुशी है। इसलिए इस जिंदगी से कभी हार न मानें दोस्त, क्योंकि~ यह जिंदगी बहुत हसीन है. गम की ये रातें ज़रूर बीतेंगी, और सुबह का सूरज भी ज़रूर निकलेगा। फिर अंधेरा कहीं ना होगा सर्वत्र उजाला ही उजाला होगा..!