Vijaykant Verma

Abstract

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Vijaykant Verma

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डियर डायरी

डियर डायरी

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आज का दिन कुछ स्पेशल है।

पूछिये क्यों..? इसलिए कि आज रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सारे हिंदुस्तान में "कोरोना भस्म दीपावली" का पर्व मनाया जाने वाला है। आप सोच रहे होंगे कि सिर्फ 9 मिनट का त्यौहार..? वो इसलिए दोस्तों कि दीये की लौ में 9 मिनट क्या 9 सेकंड भी है वायरस जिंदा नहीं रह सकते..! और वैसे भी जो पर्व जितना छोटा होता है, उसकी यादें उतनी ही लंबी होती है..! यह मनोविज्ञान है. ! आइए, कोरोना के कारण "कोरोना भस्म दीपावली" के मनोविज्ञान पर एक बाल कविता लिखते हैं~

आई ग़ज़ब दिवाली घर घर जलता दीपक भाग रहा कोरोना मिले न कहीं ठिकाना बच्चों तुम भी देखो सुंदर ये नज़ारे भू पर मानों उतरे आसमान के तारे मच्छर भी सब भागे डेंगू ने दम तोड़ा पिंकी कितनी खुश है पाकर नया खिलौना नौ मिनट की खुशियां भाई देश में सबको अद्भुत दिन यह वर्षों याद रहेगा हमको..!

उम्मीद है, कि बच्चों को यह कविता जरूर पसंद आएगी। कोरोना ने आज अमेरिका में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। सिर्फ एक दिन में पंद्रह सौ मौतें..!

इस आंकड़े को देख कर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे युद्ध जैसे हालात की संज्ञा दी है। और सही बात है, कि आज के समय में इतनी बड़ी तबाही तो युद्ध के मैदान में भी नहीं होती।

विदित हो, कि अमेरिका में अत्यंत अल्प समय में ही अब तक आठ हजार से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। और मौत का ये आंकड़ा निरंतर आगे को बढ़ता जा रहा है..!

कोरोना की जंग में पूरा विश्व है फेल अति सूक्ष्म यह वायरस भी खेल रहा है खेल खेल रहा है खेल, हैं सभी देश परेशान बुद्धि सबकी फेल हुई, हर कोई हैरान क्वारंटाइन एक उपाय है, घर में ही रहो ना मर जाएगा घुट कर ज़ालिम यह बेदर्द कोरोना इस कविता को फाइनल करने में ही रात के 12:00 बज चुके हैं। इसलिए गुड नाइट दोस्तों। अब कल मॉर्निंग में ही मुलाकात होगी।


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