चुटकी भर सिन्दूर
चुटकी भर सिन्दूर
"मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।" उसने उसे अपनी बाहों में लेते हुए कहा।
"सुबह होते ही शराब के नशे के साथ यह प्यार का नशा भी उतर जाएगा। यहाँ आने वाला हर शख्स यही कहता है। "उसने बेरुखी से कहा।
"तुम मुझे औरों जैसा मत समझो। "उसने कहा।
"इस प्यार के किनारे तक पहुंचने के लिए समाज और परिवार के दरिया को पार करना पड़ता है।"उसने कहा।
वह सारे दरिया पार करके चुटकी भर सिन्दूर के साथ १ महीने बाद उसके सामने था।