Hansa Shukla

Tragedy

4.6  

Hansa Shukla

Tragedy

चोर

चोर

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शहर के बड़े किराना दुकान में मोहित अपना रिक्शा किनारे लगाकर जेब से मेवे की लिस्ट देते हुये बोला, भैया जल्दी ये मेवा देना। मोहित लिस्ट देकर सोच रहा था घर में लक्ष्मी आई है पत्नी पौष्टिक खाना खायेगी तो माँ बेटी दोनों स्वस्थ रहेंगे। मोहित के सोचने का क्रम टूट गया दुकान में दो महिलाएं लंबी चमचमाती कार से उतर कर आई और दुकानदार से बोली-जल्दी से सूखे मेवे की वैरायटी दिखाइये, दुकानदार खुद अंदर जाकर खाँचेवाले तश्तरी में काजू, बादाम, छुहारा, किसमिस के लगभग सभी किस्म उनके सामने रखकर उनकी विशेषता बताने लगा। दोनों महिलाएं कुछ देर दुकानदार की बात सुनने के बाद मेवे के कुछ दाने मुँह में डालते हुये बोली आप पैकेट बंद मेवे ले आये और तश्तरी को मोहित की ओर सरका दी इस बीच मोहित ने धीरे से कहा भैय्या मेरा सामान जल्दी निकलवा दीजिये। दुकानदार हाँ में सिर हिलाते हुये अंदर चला गया मन ही मन सोच रहा था आज सवेरे-सवेरे अच्छी बिक्री होगी।                            दुकानदार के अंदर जाते ही महिलाएं मेवे की तश्तरी के मेवे से एक-एक मुट्ठी बैग में रखने लगी दुकानदार पैकेटबंद मेवे लेकर आया तो सौ ग्राम का एक पैकेट काजू लेकर बोली अभी ये दे दीजिए दुकानदार ने चिरौरी करते हुए कहा मैडम सभी मेवे के पैकेट रख लीजिए बहुत अच्छी क्वालिटी के है दोनों मुस्कुराकर बोली आपके दुकान से ही सारे मेवे लेंगे भाईसाहब अचानक फोन आने के कारण अभी तुरंत निकलना है। उनके जाने के बाद दुकानदार मोहित के मेवे निकालकर उसे दिया वह तुरंत मेवे का पैकेट लेकर निकल गया। अब दुकानदार तश्तरी के मेवे को अंदर रखने गया तो देखा सभी खाँचो से मुठ्ठी भर मेवे कम थे वह सोच रहा था रिक्शेवाले ने उसके अंदर जाते ही मेवे पर हाथ साफ कर दिया वह सीसीटीवी में देखने लगा उसकी सोच से बिल्कुल अलग माजरा था दोनों महिलाओं ने मेवे निकाले थे दुकानदार सोच रहा था छोटे लोग भी ईमानदार होते है और बड़े लोग भी चोर हो सकते है ।


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