नजरिया
नजरिया


सड़क में भीड़ देख मिसेज़ गोयल के ड्राइवर ने गाड़ी किनारे में खड़ी की,मिसेज़ गोयल ने रोबदार आवाज में कहा जल्दी देखकर आओ भीड़ क्यों जमा है, क्या हो गया,ड्राइवर भीड़ के पास पहुँचा तो सारा माजरा समझ गया एक्सीडेंट से घायल आदमी के सर में चोट आने से खून सड़क में फैल गया था आस-पास खड़े लोगो में कोई फ़ोटो लेकर व्हाट्सएप कर रहा था,कोई तत्काल सेवा के नंबर में फोन कर रहा था तो कुछ लोग फ़ोटो लेकर वहाँ से निकल रहे थे। ड्राइवर गाड़ी के पास आकर बोला मेमसाहब अगर घायल आदमी को तुरंत हॉस्पिटल ले जाये तो बच जाएगा आप कहे तो लोगो की मदद से उसे पीछे की सीट में लिटाकर हॉस्पिटल ले चले।
मिसेज गोयल ने गुस्से से कहा तुम जाओ मदद करो गाड़ी की चाबी मुझे दे दो और कल से काम पर मत आना। ड्राइवर के हाथ से चाबी लेकर मिसेज़ गोयल ने भीड़ के किनारे से गाड़ी निकाली और आगे बढ़ गई। ड्राइवर किसी तरह ऑटो करके घायल आदमी को अस्पताल ले गया और डॉक्टर से मिन्नत कर उसका इलाज शुरू कराया। सब सामान्य होने पर डॉक्टर ने घायल व्यक्ति के मोबाइल से फोन लगाया और मोबाइल में दिये गए नंबर पर सूचित किया कि आप तुरंत हॉस्पिटल आये। मिसेज गोयल बदहवास सी हॉस्पिटल पहुँची और अपने पति को देखने कमरे में गई। डॉक्टर ने कहा आप बाहर बैठे आदमी का शुक्रिया अदा करिये अगर वह इन्हें लेकर समय पर नही आता तो शायद आज ये जिंदा नहीं होते।
मिसेज गोयल बाहर आयी और उस आदमी को आवाज दी भाई साहब ,जब वह आदमी पलटा तो मिसेज़ गोयल को चक्कर आने लगा वह उनका ड्राइवर था किसी तरह सम्हलते हुये वह रुवांसा होकर बोली तुम्हारा धन्यवाद तुम समय पर साहब को यहाँ ले आये नही तो कुछ भी हो सकता था। ड्राइवर ने सहमते हुये कहा मैडमजी मैंने तो मानव धर्म का पालन किया जान बचाने वाले तो भगवान है। मिसेज गोयल गाड़ी की चाबी देते हुये बोली ये गाड़ी तुम्हे ही चलानी है और रास्ते मे कोई हताहत मिले तो उसे गाड़ी में जरूर बिठाना आज तुमने मेरी आँखें खोल दी है जरूरतमंद की समय पर सहायता कर हम किसी की जान भी बचा सकते है। मिसेज गोयल की आंखों में पश्चाताप के आँसू थे और ड्राइवर के आंखों में खुशी के कि इस घटना ने मेमसाहब का नजरिया बदल दिया।