नयी सोच
नयी सोच
मिसेज चंद्राकर के घर में किटी के दौरान सभी सहेलियां अपने-अपने घर के पैट के बारे में बद-चढ़ कर बता रही थी मिसेज सोलंकी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे बेटे ने तो पचास हजार का डाबरमैन डॉग मंगाया और वह हमारे घर मे फैमिली मेम्बर की तरह रहता है।
मिसेज रोहिणी ने तपाक से कहा मेरे पति को तो लेब्राडोर ही पसंद है वो उसका केअर बच्चे की तरह करते है,मिसेज वर्मा ने लंबी सांस लेते हुवे कहा अरे हमने तो चालीस हजार में जर्मन शेफोर्ड लिया मजाल है कोई अजनबी हमारे घर मे अंदर आ सके वह सिर्फ मेरी और वर्माजी की बात मानता है।किटी की लगभग सभी महिलाएं अपने घर के पालतू कुत्ते की नस्ल और उस पर होने वाले खर्च पर चर्चा कर रही थी कि अचानक मिसेज दास ने मिसेज चंद्राकर से पूछा क्यों तुमने कोई डॉगी नही रखा है क्या ?
मिसेज चंद्राकर ने मुस्कुराते हुए कहा घर के सामने दो देशी पपी कू-कु करते अपनी माँ को ढूंढ रहे थे हम उनको घर लाकर सारे टीके वगैरह लगवा दिए कोई विशेष खर्च के बिना वो हमारे घर की रक्षा करते है हमे इस बात की तसल्ली है कि उन दोनों को हमने किसी गाड़ी के नीचे दबकर या बीमार होकर मरने से बचा लिया,हम सब महंगे पैट खरीदने से अच्छा रोड के लावारिस गाय,कुत्ते या जानवर को घर लाकर पनाह दे तो इन्हें नया जीवन दे सकते है। मिसेज चंद्राकर के चुप होने के एक मिनट तक पसरे सन्नाटे के बाद तालियों की गूंज से सभी सहेलियों ने अपनी इस सहेली के नयी सोच की तारीफ की और संकल्प लिया भविष्य में हम सब ऐसा ही करेंगे।