I'm Hansa and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsगाड़ी सड़क किनारे रोक ली और उन्हें बुलाकर बॉक्स से चॉकलेट देने लगा
Submitted on 11 Feb, 2021 at 16:23 PM
आंसू छुपाते हुये बोली अंकिता माँ के आँसू पोंछते हुये बोली माँ हमारा गणतंत्र कब आएगा।
Submitted on 04 Feb, 2021 at 17:09 PM
आवाज में इतना ही कह पाया हम सब पर सलिल ने कुछ ना कुछ एहसान जरूर किया है।
Submitted on 19 Jan, 2021 at 16:27 PM
अनिमेष धीरे-धीरे बछिया के पास गया और इशारे से हॉर्न बजाने से मना किया ।
Submitted on 01 Jan, 2021 at 16:38 PM
अपनी इस सहेली की सोच की तारीफ की और संकल्प लिया भविष्य में हम सब ऐसा ही करेंगे।
Submitted on 20 Dec, 2020 at 15:46 PM
वह जली हुयी साड़ी भी वापस चाहिए सच मे बड़े लोगो का दिल कितना छोटा होता है।
Submitted on 13 Dec, 2020 at 13:02 PM
कोई दूसरे की मदद नहीं करता इंसानीयत तो अब किताब तक ही सीमित होकत रह गया है।
Submitted on 06 Dec, 2020 at 18:52 PM
देवी माँ की सौगंध शहर से तेरी माँ और सूरज को लेकर जल्दी वापस आ जाऊँगा
Submitted on 15 Nov, 2020 at 12:32 PM
बेटा अनुबंध के मुताबिक तो अगली किश्त लेंटर ढलने पर देनी है
Submitted on 07 Nov, 2020 at 15:45 PM
सुना है भाई विदेश की की पढ़ाई से इंसान मशीन हो जाता है!
Submitted on 01 Nov, 2020 at 09:26 AM
कमला भी खुश थी विधायक बनकर वह क्षेत्र का विकास और अच्छे से कर पायेगी
Submitted on 18 Oct, 2020 at 09:30 AM
अपनी कहानी सुनाकर वो बाहर जाने वाले बच्चों को मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करते।
Submitted on 10 Oct, 2020 at 16:42 PM
माँ की बात छोटी की समझ से परे था वह स्वाद लेकर मसाला ब्रेड खाने लगी।
Submitted on 04 Oct, 2020 at 15:10 PM
श्रेया चाय लेकर आई माँ-बेटी चाय पी रहे थे दोनो के चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
Submitted on 25 Sep, 2020 at 17:03 PM
दादी के झुर्रियों वाले हाथ ने किरण के नरम हाथों को मजबूती से थाम लिया था।
Submitted on 21 Sep, 2020 at 18:07 PM
ठेकेदार ने मुस्कुराते हुवे जवाब दिया नही कल से अचानक जनता कर्फ्यू लगा है!
Submitted on 10 Sep, 2020 at 16:29 PM
उस दिन पहली बार मुझे लगा आप बहुत अच्छी है मुझे आपसे माफी मांगकर आपका शुक्रिया अदा करना
Submitted on 06 Sep, 2020 at 05:01 AM
अचेत बिदेशी बुदबुदा रहा था अगले जन्म मालिक को मोची की कीजो भगवान।
Submitted on 30 Aug, 2020 at 04:56 AM
मुझे सफर का हर पल बोझिल लग रहा था मैं अपने को असहाय महसूस कर रही थी
Submitted on 21 Aug, 2020 at 16:53 PM
कम उम्र में लड़की को कितना समझदार बना दिया है वह उसे अंदर बुलाकर घर के काम बताने लगी।
Submitted on 15 Aug, 2020 at 15:53 PM
मिसेज भाटिया ने मुस्कुराकर जवाब दिया आज तो मैं नही आ पाउंगी आप लोग एन्जॉय करिये मेरे घर
Submitted on 08 Aug, 2020 at 10:46 AM
सोमा अपनी बहनों से बोली दीदी वो तीन एंजल्स थे जिन्हें भगवान ने हमारे लिए भेजा था!
Submitted on 31 Jul, 2020 at 15:59 PM
आप हमारे बकरी के बच्चे को भी तो कुछ महीनों बाद कटवा दिए थे पापा
Submitted on 25 Jul, 2020 at 15:53 PM
इस चेहरे में बहुत फर्क था समझ नहीं आ रहा था कौन सा चेहरा सच्चा है।
Submitted on 25 Jun, 2020 at 16:20 PM
धर्म और जाति के बंधन में बंधकर इंसानियत के धर्म को भूल जाएंगे।
Submitted on 18 Jun, 2020 at 01:23 AM
धीरे-धीरे आकाश की ओर बढ़ रहा था पर्यावरण सरंक्षण को चिढ़ाते हुए।
Submitted on 02 Jun, 2020 at 15:49 PM
नए विचारों के लोग वह नहीं कर सके जो रूढ़िवादी दुबे आंटी ने किया
Submitted on 14 May, 2020 at 16:23 PM
नूपुर की मौत का सच उसके ज़मीर में हमेशा के लिये दफन हो गया।
Submitted on 07 May, 2020 at 16:48 PM
अंकल को मेरे तबीयत की चिंता है या मेरे काम पर ना आने की।
Submitted on 30 Apr, 2020 at 13:52 PM
उसके आशीर्वाद का अनमोल रत्न साथ लेकर हम सफर में आगे बढ़ गए।
Submitted on 22 Apr, 2020 at 15:46 PM
गंदे कपड़ो में लिपटी उन महिलाओं से पूछने की हिमाकत कभी नही की
Submitted on 16 Apr, 2020 at 18:19 PM
भाभी मायके गई है और भईया इसे बिस्किट देकर फिल्म दिखा रहे थे। दीदी आप ही बताइये
Submitted on 09 Apr, 2020 at 10:54 AM
हम दोनों ने जो सपने देखे थे उसे मैं पूरा करुँगी यही मेरे जीवन का सम्बल है।
Submitted on 01 Apr, 2020 at 15:31 PM
रिश्तों का अपनापन जीत गया था और अहंकार की दीवार ढह गई थी ।
Submitted on 25 Mar, 2020 at 09:19 AM
श्यामली को आज बसंत की मादक हवा बहुत अच्छी लग रही थी उसके जीवन का बसंत वापस जो आ गया था
Submitted on 12 Mar, 2020 at 09:55 AM
बचपन से ही शुचि को होली का त्योहार बहुत अच्छा लगता था लोगों के रंग-बिरंगे चेहरे उसे आकर
Submitted on 07 Mar, 2020 at 06:58 AM
बचपन से ही शुचि को होली का त्योहार बहुत अच्छा लगता था लोगों के रंग-बिरंगे चेहरे उसे....
Submitted on 04 Mar, 2020 at 09:48 AM
मेरे घर में रह गई तो कभी न भर पाने वाली सरला (गूंगी) की कमी।
Submitted on 27 Feb, 2020 at 09:28 AM
उसके चेहरे मे संतुष्टि और खुशी के भाव देखकर मेरा मन खुश हो गया, लगा कभी- कभी किसी की छो
Submitted on 18 Feb, 2020 at 10:49 AM
छत्तीसगढ़ में दीदी, दादी को एवं काका, दादा को बोला जाता है।
Submitted on 03 Feb, 2020 at 10:18 AM
मुझे उनपर प्यार आ गया और मैं बैग से चॉकलेट निकाल कर खेल रहे बच्चों को देने लगी
Submitted on 28 Jan, 2020 at 09:23 AM