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Neha Bhanot

Abstract Tragedy

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Neha Bhanot

Abstract Tragedy

छोटी मां

छोटी मां

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"जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई मेरी गुड़िया" चल उठ जा पहले मंदिर चलते हैं, कामिनी की छोटी मां शारदा जी ने उसे उठाते हुए कहा। धन्यवाद छोटी मां, आप चलिए मैं जल्दी से तैयार होकर आती हूं। कामिनी और उसकी छोटी मां मंदिर पहुंचाते हैं।पुजारी जी, आज मेरी बिटिया के नाम की पूजा कीजिए, आज यह पूरे 20 साल की हो गई है शारदा जी ने पूजा की थाल पंडित जी को पकड़ते हुए कहा। पूजा करके दोनों घर आ जाते हैं। छोटी मां.... आज मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं, आपकी इजाजत हो तो.. पूछ, मेरी गुड़िया रानी।

आज तक किसी बात के लिए मैंने तुझे मना किया है?? तो क्या, आप मुझे सब कुछ सच-सच बताएंगे। हां मेरी बिटिया रानी पूछ तो सही पहेलियां क्यों बुझा रही है। तो छोटी मां यह बताइए, 'जिस बेटी को उसके मां-बाप ने नहीं अपनाया उसके लिए आपके मन में इतना प्यार कैसे है ?'

यह क्या पूछ रही है आज तू??? नहीं मां, आज मुझे अपने हर सवाल का जवाब चाहिए। तो ठीक है सुन मेरी बेटी, जब तुम 2 साल की थी तो तेरी मां एक भयंकर बीमारी से चल बसी। बेटी छोटी है, इसका वास्ता देकर तेरी दादी ने तेरे पिताजी की दूसरी शादी करवा दी। शुरू शुरू में तो तेरी सौतेली मां ने तुझे बड़े प्यार से रखा, जब वह सब का विश्वास जीतने में कामयाब हो गई तो, बस तेरे प्रति उसका प्यार कम होने लगा। फिर उसका अपना एक बेटे के हो जाने के बाद तो तेरे प्रति उसे कोई भी लगाव नहीं रह गया। जब तू 4 साल की थी, तब तेरे चाचा जी और मेरी शादी हुई। मैंने तेरी आंखों में एक अनकहा सा दर्द देखा, तू तो जानती है कामिनी दर्द का दर्द से रिश्ता बड़ा गहरा होता है। तेरी सूनी आंखों को देखकर मुझे अपना बचपन याद आ गया। मुझे भी मेरी सौतेली मां ने ऐसे ही पाला था और मां के ना होने का दर्द मैं अच्छी तरह से जानती थी। तू हर वक्त मेरे पास आकर खेलने लगी।

मुझसे तेरा लगाव गहरा होता गया। तेरी सौतेली मां को तो जैसे तुझ से छुटकारा ही मिल गया। बस धीरे-धीरे हममें मां बेटी वाला रिश्ता बनता गया।

जब तेरे मम्मी पापा ने विदेश जाने की बात की तो मैंने उनके आगे तुझे कानूनी तौर पर अपनी बेटी बनाने का प्रस्ताव रखा, वह मान गए और इस तरह तू मेरी हमेशा के लिए गुड़िया रानी बन गई। भगवान ने जब मेरी गोद भरी तो मुझे एक बेटा दिया। बस मेरी बेटी को एक भाई भी मिल गया, और मेरा परिवार पूरा हो गया। कामिनी की आंखों से झर झर आंसू बहने लगे। तू क्यों रो रही है, क्या मैंने तुझ में और तेरे भाई में कभी फर्क किया है?? नहीं मां, मैं तो यह सोच रही हूं कि काश हर बिन मां की बेटी को आप जैसी छोटी मां मिले...



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