नरक
नरक
अभी भी समय है देर नहीं हुई है ,सासू मां, अगर आप थोड़ा सा भी साथ दे तो हम नीलम दीदी को उस नरक से निकाल सकते हैं। लेकिन लोग क्या कहेंगे???? बहू, बिन बाप की बेटी है ,दूसरा घर कहां से मिलेगा ।सारी जिंदगी मायके में पड़ी रहेगी क्या??
हर घर में लड़ाई झगड़े होते हैं, इसका मतलब यह तो नहीं कि हम उसे यहां ले आए .. "औरत को तो सहना आना ही चाहिए"
पिताजी नहीं है तो क्या हुआ ,उसका भाई अभी जिंदा है पीछे से रोहित में आते हुए कहा । हम दो रोटी कम खा लेंगे लेकिन जीजी को अब यहां लाकर ही रहेंगे उमा जी की बहु राधा ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा। दीदी इतनी सक्षम हैं की वह कोई भी काम कर सकती है , उन्हें बस अपनों के साथ की जरुरत हैं।
लेकिन उस घर में सब कुछ तो है , दामाद जी का बहुत रुतबा है , तुझे पता ही हैं बहुत ऊंचा खानदान है ,उमा जी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा। मां आप क्यों नहीं समझती, दामाद जी किसी और से प्यार करते हैं । उन्होंने खुद को महान साबित करने के लिए दीदी से शादी की, वरना वो इतने गरीब घर की लड़की से शादी करते ।अब वो आए दिन किसी न किसी बात पर दीदी को तंग कर रहे हैं ,ताकि दीदी उन्हें छोड़कर चली जाए और इस बार तो दीदी ने फोन पर आत्महत्या करने की बात भी की।
इससे पहले देर हो जाए हमें समय रहते बात संभालनी चाहिए। उमा जी की आंखों में आंसू आ गए वह बेटी जिस के बाप के ना होते हुए भी उसे नाजो से पाला था ,वह अब किस हालत में पहुंच गई थी। आज उन्हें अपनी बहू पर गर्व था कि वह अपनी ननद के बारे में इतना सोचती है। उन्होंने अपनी बहू को गले लगाते हुए कहा, मैं बहुत खुशनसीब हूं, कि मुझे तेरे जैसी बहू मिली।चल रोहित जल्दी से हम अपनी बेटी को लेकर आते हैं ।दुनिया की मुझे कोई परवाह नहीं, अब मैं अपनी बेटी को उस नरक से आजाद करवाके ही रहूगी। इससे पहले की देर हो जाए।