परछाई
परछाई
यह लीजिए मिस सीमा ,आपकी तनख्वाह का चेक। अपनी सैलरी का पहला चेक पकड़ते ही सीमा की आंखें गीली हो गई। ऑफिस से निकल कर सीधी पहुंची अपनी मैम के घर। उसे देख कर उसकी मैम बड़ी खुश हुई। अरे ,सीमा इस वक्त कैसे ???आ बैठ, सीमा चुपचाप सोफे में अपनी मैम के पैरों के पास बैठ गई।
"अरे यहां क्यों बैठी है "??ऊपर बैठ।
नहीं मैम, मेरी असल जगह तो आपके चरणों में ही है। यह देखिए मैं आज आपके लिए क्या लाई हूं मिठाई का डब्बा और अपनी तनख्वाह का चेक मैडम को देते हुए सीमा ने कहा।
अरे वाह, आज तुझे पहली तनख्वाह मिली है.. बहुत-बहुत बधाई हो बिटिया। यह तेरी मेहनत का ही नतीजा है।
नहीं मैम,अगर आप उस वक्त मेरा साथ ना देती तो शायद यह कभी मुमकिन नहीं होता। नहीं सीमा ,तुम गलत कह रही हो। तुझ में काबिलियत थी, इसीलिए रब ने मुझे जरिया बनाया। शशि मैम 10 वर्ष पीछे की यादों में चली गई। सीमा उनकी क्लास की एक होनहार विद्यार्थी थी। बिन मां की बेटी ,हर काम में निपुण थी। 15 वर्ष की आयु में सीमा ने शशि मैम को बताया कि उसके पिताजी उसकी शादी कर रहे हैं। यह सुनकर उसकी मैम को बड़ा धक्का लगा। लेकिन क्यों ? सी मा तुम तो पढ़ने में इतनी होशियार हो, फिर क्यों?? लेकिन मैम घर पर मेरी नहीं चलती और वैसे भी पिताजी कहते हैं कि मैं तो उनके सर पर बोझ हूं। यह कैसी बात कर रही है.. सीमा ,बेटियां कभी बाप के सर पर बोझ नहीं होती। तू पढ़ लिख जाएगी और जब कमाई करने लगेगी तो सोच कितना ऊंचा नाम होगा उनका। । लेकिन मैम वह मेरी पढ़ाई का खर्चा अब नहीं उठाना चाहते। बस ,,यह बातें शशि मैम के कानों में हर वक्त गूंजने लगी और उन्होंने फैसला किया सीमा की पढ़ाई का खर्च उठाने का।
वह घर जाकर सीमा के पिताजी से मिली। उन्होंने उन्हें समझाने का प्रयास किया ,लेकिन वह कुछ भी मानने को तैयार नहीं थे। जब बात प्यार से नहीं बनी तो शशि मैंने उन्हें पुलिस केस करने की धमकी दी और उन्होंने साफ तौर पर उनके पिता जी से कहा अब मैं सीमा को यहां नहीं रहने दूंगी और हां एक पिता होने के नाते मैं आपका अधिकार नहीं छीन सकती। आप जब भी चाहे अपनी बेटी से मिल सकते हैं। और वे ले आई सीमा को अपने साथ। उन्होंने सीमा को पढ़ने के लिए होस्टल में डाल दिया। समय-समय पर उससे मिलती। सीमा ने भी उनके विश्वास को टूटने नहीं दिया और आज इस मुकाम पर पहुंची।
सीमा के पिता को भी उसकी गलती का एहसास हो चुका था। वह भी अक्सर सीमा से मिलने आते रहते और अपनी गलती के लिए उससे माफी मांगते। आज सीमा एक बड़ी कंपनी में कार्यरत है और जैसे ही उसकी पहली कमाई उसके हाथ में आई उसकी आंखों में आंसू आ गए मैम मैम, कहां हो गई आप ? सीमा ने मैम को जगाते हुए कहा। कुछ नहीं पगली, कुछ पुरानी यादें ताजा हो गई और बता क्या करेगी अपनी कमाई का ??मैं एक हिस्सा उसी स्कूल में दान करूंगी जहां में आप से मिली थी,मेरा सपना है अपना खुद का घर लेने का। बड़ा नेक विचार है हां मैम, मैं आपसे एक वादा करती हूं कि अगर कभी मेरा सामना किसी की सीमा जैसी लड़की से हुआ तो मैं आपकी तरह एक अच्छी इन्सान कर उसका साथ जरूर दूंगी। मुझे गर्व है बेटी कि मैं तुझ जैसी होनहार लड़की के किसी काम आ सकी। अच्छा तो मैं चलती हूं मैम,अभी पापा के लिए भी कुछ लेना है। अपनी मैम से गले मिलते हुए सीमा घर की तरफ चल पड़ी। शशि मैम गर्वित आंखों से अपनी परछाई को जाते हुए देख रही थी.