खून का रंग
खून का रंग
सब सो रहे थे पर रागिनी की आंखों से आंसू कोसों दूर थे ऐसा लग रहा था कि उसका ही अतीत उसे कचोट रहा था| अपने 16 वर्षीय बेटे राजीव को आज उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ लड़कियों का रास्ता रोकते देख लिया था|लड़किया उनसे पीछा छुड़ाकर दूसरे रास्ते से घर गई ।रागिनी को यह सब बड़ा बुरा लगा। आखिर क्या, कुछ नहीं किया था उसने अपने बेटे की खातिर पर ,क्या खून अपना रंग दिखा रहा है? रागिनी की मां जब पानी पीने के लिए उठी तो उन्होंने रागिनी को बैठे हुए पाया और उसके पास आकर बैठ गई।"क्या हुआ रागिनी ??!अभी तक सोए नहीं ।"
"नहीं मां, मुझे नींद नहीं आ रही!!"
"क्यों क्या कोई परेशानी है?? मुझे बता मेरी बेटी"
अपनी मां का प्यार भरा हाथ सर पर पाकर रागिनी रो पड़ी और उसने सारी घटना अपनी मां को बता दी ।
"मुझसे क्या गलती हो गई मां जो मुझे भगवान अब ऐसी सजा दे रहा है। इसके पिता की इन हरकतों से परेशान होकर मैंने उन्हें तलाक दिया था और सदा ही अकेली रही ।आप ही बताइए मैं क्या करूं?? अजय की अच्छी परवरिश में मैंने कोई कमी नहीं छोड़ी। फिर क्यों, क्या मेरे संस्कारों में कोई कमी रह गई ?"
उसकी बाते सुनकर मां ने उसे समझाते हुए कहा, "रागिनी यह तो कच्ची उम्र का असर है जो अजय पर दिख रहा है लेकिन प्यार से उसे समझाया जा सकता है ।अगर उसमें उसके बाप राजीव का खून है तो तेरा भी खून है। तू उसे प्यार से समझाने की कोशिश कर।" रागिनी को मां की बात समझ आ गई और उसने एक योजना बनाई अगले दिन जब अजय स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ तो उसने रागिनी ने कहा, "इधर आ मेरे बेटे।"
"हां बोलिए मां",
" बेटा अगर तुम्हारी वजह से किसी को रास्ता बदलना पड़ जाए तो तुम में और गली के कुत्तों में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। दूसरे घर की बेटियों को भी वैसे ही इज्ज़त देनी जरूरी है, जैसे अपने घर की बेटी को ।।तभी तो तुम्हारे संस्कारों का पता चलेगा ।"
अपनी मां के मुंह से ऐसी बातें सुनकर अजय को अपनी गलती का एहसास होने लगा ।उसने अपनी मां से माफी मांगी।"माफी , उन लड़कियों से भी मांगना और आइंदा से ऐसी गलती मत करना ।"
"मुझे माफ कर दो मां,मैं दोबारा ऐसा कभी नहीं होगा और मैं आपसे वादा करता हूं मैं कभी भी ऐसे लड़कों की संगति में नहीं पढूंगा ।" अजय के मुंह से ऐसी बातें सुनकर रागिनी को तसल्ली हुई।