*** बस मैं थक गई हूं***
*** बस मैं थक गई हूं***
काफी वक्त गुजर गया है, वक्त के साथ साथ धीरे धीरे मां पा के जख्म तो कम हो रहे थे लेकिन दोनों फिर से मुझे इस दुनिया में लाने को बेताब हुए जा रहे थे.. क्या क्या कोशिशें नहीं की जा रही थी?
मां का हाल तो बुरा ही हुआ जा रहा था? कई हेल्थ सम्बन्धित समस्याओं से ग्रस्त होकर भी ऑफिस जाना, फिर वहां से डॉक्टर के जाना। देखा जाए तो अपनी जिंदगी को नर्क बना रखा था । सारे शौक अधूरे रह गए थे मां के। हमेशा दोहरी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ रहा था। एक डॉक्टर कहता कि उच्च रक्तचाप कम करो तो वहीं दूसरा डॉक्टर कहता कि थोड़ा कम घूमना और आराम करना । करे तो क्या करे। लोगों के बार बार यही पूछना कि बच्चे कब कर रहे हो या सिर्फ मौज मस्ती करनी है जैसे तानों से परेशान होकर उन्होंने लोगों से भी मिलना जुलना कम कर दिया।
दूसरी तरफ पा का भी अजीब हाल हो रखा था। वो मां को बार बार समझाते थे कि कोई बात नहीं , क्या जरूरत है बच्चों की, वैसे भी तो कयामत की अंतिम रात तक हम दोनों को ही साथ रहना है। बच्चे वैसे भी कब साथ रहते है। वैसे भी पा को समय ही नहीं मिलता था। उनकी नौकरी अलग ही टाइप की थी, सुबह सात बजे से लेकर रात तक बस कॉन्फ्रेंस और एनालिसिस में ही व्यस्त रहता था। उन्होंने अपने बॉस को कई बार इस समस्या के बारे में बताया लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं था। जिस समय मां को पा की जरूरत रहती थी पा उनके लिए उपलब्ध नहीं रहते थे। धीरे धीरे मां पा एक अजीब तरीके से अवसादग्रस्त रहने लगे।&nbs
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अबकी बार दोनों हॉस्पिटल एक साथ गए । क्योंकि आज दोनों का महत्वपूर्ण दिन था । मां को हॉस्पिटल में एडमिट जो होना था। ओटी में जाने से पहले मां की आँखें नम थी। वो पा से कह रही थी कि अब मैं थक चुकी हूं। थक चुकी हूं अब हॉस्पिटल के चक्कर लगा लगा करके। क्या पता परीजा आए या नहीं लेकिन ऐसा लगता है कि मैं जरूर विदा हो जाऊंगी। फिर पा ने कहा कि हिम्मत मत हारों, मैं तो हमेशा से ही कहता था कि क्यों चाहिए इतने एक्सपेरिमेंट के बाद बच्चा। दुनिया में बहुत से लोग है जो पैरेंट्स नहीं बने। मुझे तुम्हारी जरूरत है ना कि बच्चे की।
पा ने हल्की सी मुस्कान लिए कहा कि मैं वो दिन देखना चाहता हूं जब मैं रिटायरमेंट हो जाऊंगा और तुम्हारे रिटायरमेंट में एक साल बचेगा। फिर मैं रोज तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट तैयार करूंगा और बिना नमक वाला गरम गरम लंच अपने हाथों से बनाकर तुम्हारे लिए पैक करके तुम्हारे ऑफिस में लाऊंगा और साथ बैठ कर खाऊंगा। फिर रिटायरमेंट बाद हम दोनों बर्फ से ढके पहाड़ के सामने टेंट लगाके गर्म गर्म चाय पियेंगे फिर अगली फ्लाइट पकड़ के गोवा में किसी बीच किनारे बैठकर नींबू पानी के साथ सूर्यास्त का मजा लेंगे।
अभी इतनी ही बातें हो पाई थी कि वार्ड बॉय मां को ओटी में ले जाने के लिए आ गया। मां ने नम आंखों से पा को देखा और उनका हाथ पकड़ के कहा कि मैं जल्दी आ रही हूं आपके इन सपनों को संजोने के लिए।